बस्ती न्यूज़: पशुपालन विभाग की ओर से वर्ष 2013-14 में निकली भर्ती में चयनित पशुधन प्रसार अधिकारियों की धड़कनें बढ़ गईं हैं. एसआईटी की जांच में इनकी नियुक्ति में कई गड़बड़ियां मिली थीं. इसके बाद मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में चला गया था. अब प्रदेश सरकार ने जवाब दाखिल किया है. इस मामले में 12 अप्रैल को उच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है. जिले में के 14 ब्लॉकों में 25 पशुधन प्रसार अधिकारी तैनात हैं. इनमें से पांच ने तीन जनवरी, 2017 को कार्यभार ग्रहण किया था. इनकी अलग-अलग ब्लॉकों में तैनाती की गई थी. नियुक्ति के कुछ माह बाद ही सरकार बदली तो भर्ती प्रक्रिया जांच के दायरे में आ गई. एसआईटी की जांच में अब गड़बड़ियां उजागर होने के बाद शासन स्तर से कार्रवाई शुरू होने की चर्चा ने पशुधन प्रसार अधिकारियों की नींद उड़ा दी है. जांच पूरी होने के बाद समूची भर्ती प्रक्रिया रद्द होने की संभावना बढ़ गई है.
शासन स्तर से कार्रवाई रोकने के लिए चयनित पशुधन प्रसार अधिकारियों ने न्यायालय की शरण ली थी. इस मामले में अब प्रदेश सरकार की ओर से न्यायालय में जवाब दाखिल कर दिया गया है. जहां 12 अप्रैल को इस मामले में सुनवाई है. इसी बात को लेकर पशुधन प्रसार अधिकारियों की धड़कनें तेज हो गईं हैं. फिलहाल इस मामले में विभागीय अधिकारी कोई भी जानकारी होने से इनकार कर रहे हैं. विभाग के मुखिया ने इस मसले पर किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया है
पशुधनमंत्री के गृह जिले में काफी संख्या में हुई थी भर्ती:
सपा सरकार में पशुपालन मंत्री राजकिशोर सिंह के गृह जनपद से पशुधन प्रसार अधिकारी की भर्ती में काफी संख्या में युवाओं को मौका मिला था. लगातार छह साल से ये लोग गृह जनपद व अन्य जिलों में नौकरी कर रहे हैं. एसआईटी जांच के बाद पूर्व में रहे विभागीय प्रमुख पर मुकदमा चलाने की अनुमति ने पशुधन प्रसार अधिकारियों और उनके परिवार, शुभचिंतकों में खलबली मचा दी है.