Azamgarh: हजारों श्रद्धालु फंसे, कई जगहों पर रोके गए

Update: 2025-01-30 03:36 GMT

Azamgarh आजमगढ़ : मौनी अमावस्या के अवसर पर बुधवार को श्रद्धालुओं ने नदियों व सरोवरों में आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद दान कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। फूलपुर स्थित दुर्वासा धाम, रानी की सराय स्थित अवंतिकापुरी धाम व महराजगंज स्थित भैरव बाबा धाम पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा। इसके अलावा चंद्रमा ऋषि व दत्तात्रेय धाम पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान व दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे। दुर्वासा धाम स्थित तमसा-मंजूसा के तट पर स्नान के लिए भोर से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुट गई। तमसा-मंजूसा के संगम में स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान हर-हर महादेव के जयघोष व घंट-घड़ियाल की ध्वनि से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। दूर-दूर से आए हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।

शास्त्रों के अनुसार माघ माह को कार्तिक माह के समान ही पवित्र माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या का संबंध शनिदेव और पितरों से है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवता पवित्र संगम में निवास करते हैं। इसलिए गंगा स्नान का विशेष महत्व है। मौनी अमावस्या के दिन भगवान मनु का जन्म हुआ था। अमावस्या के दिन मौन रहने से मुनिलोक और पुण्यलोक की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या पर सोमवार की सुबह से ही भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। तमसा-मंजूसा के संगम पर सैकड़ों लोगों ने एक साथ पवित्र डुबकी लगाई। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। मंदिर के पास सजी दुकानों पर महिलाओं ने सौंदर्य प्रसाधन की खरीदारी की।

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