आईसीएसई और आईएससी में जल्द ही शुरू होगी तकनीकी पाठ्यक्रम, अब रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस भी पढ़ेंगे स्कूली छात्र
कक्षा नवीं से 12 वीं तक के छात्र-छात्राएं भी अब रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग और डाटा साइंस जैसे विषय पढ़ेंगे।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कक्षा नवीं से 12 वीं तक के छात्र-छात्राएं भी अब रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग और डाटा साइंस जैसे विषय पढ़ेंगे। सीआईएससीई: कांउसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन ने इन चारों तकनीकी विषयों को देश भर के 2700 स्कूलों में पढ़ाने की तैयारी कर ली है।
आईसीएसई में नवीं और दसवीं और आईएससी में 11 वीं और 12वीं कक्षा के लिए रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का पाठ्यक्रम तैयार कराया जा रहा है। इसके लिए सीआईएससीई ने आईआईटी दिल्ली के आईटी हब और टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (टीआईएच) के साथ अनुबंध किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के बाद शिक्षा पद्धति में इस तरह का परिवर्तन किया जा रहा है। साथ ही बदलते समय के साथ होने वाले बदलावों और जरूरतों को देखते हुए ये विषय पाठ्यक्रम में शामिल किए जा रहे हैं। इसी दिशा में कदम उठाते ही सीआईएससीई ने भी अपने स्कूलों में तकनीकी पाठ्यक्रमों को शामिल करने का निर्णय लिया है। जानकारी के अनुसार सीआईएससीई के लिए आईएचएफसी और टीआईएच रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल साइंस, मशीन लर्निंग और डाटा साइंस के साथ ही अन्य तकनीकी कोर्स के लिए भी पाठ्यक्रम तैयार करेगा।
स्कूल मिलजुलकर लैब का प्रयोग करेंगे
सीआईएससीई बोर्ड के संचालित विद्यालय अपने संसाधनों को देखते हुए नए पाठ्यक्रम शुरू करेंगे। रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल साइंस, मशीन लर्निंग और डाटा साइंस जैसे विषयों में प्रयोगशाला की अहम भूमिका होगी। इसीलिए शहर के स्कूलों ने समन्वय बना लिया है। अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्किल और जरूरत के अनुसार पढ़ाई पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। कई विद्यालयों में पाठ्यक्रम के अनुरूप प्रयोगशाला नहीं है ऐसे में एक स्कूल दूसरे से अनुबंध कर रहा है। जिसके बाद छात्र दूसरे स्कूल की लैब भी प्रयोग कर सकेंगे।