Shahjahanpur शाहजहांपुर । क्षेत्र के गांव शिवपुरी खंजी में एक युवक का शव मफलर के सहारे आम के पेड़ से लटकता हुआ मिला, जिसके बाद ग्रामीणों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
बंडा के गांव शिवपुरी खांजी निवासी स्वर्गीय रामचरन के तीन पुत्र थे, जिसमें सबसे बड़ा विजपाल और उसके बाद सुरेन्द्र और तीसरा पुत्र मुकेश है। मुकेश ने बताया कि उसका बड़ा 33 वर्षीय भाई विजपाल अब से करीब 13 वर्ष पूर्व घर छोड़कर बाहर कहीं मजदूरी करने चला गया था और दोबारा लौटकर नहीं आया। यहां तक कि पिता और माता की मृत्यु के पश्चात भी वह घर लौटकर नहीं आया। शुक्रवार सुबह करीब सात बजे गांव के पश्चिम रतिराम ने छोटेलाल के खेत में एक युवक का शव मफलर के सहारे आम के पेड़ से लटकता हुआ देखा, तो सभी को सूचना दी । घटनास्थल पर पहुंचे ग्रामीणों ने युवक के शव को देखा, मगर कोई पहचान नहीं पाया। जिसके बाद मौके और पहुंची पुलिस ने युवक की पैंट की जेब से आधार कार्ड निकाला, जिसमें युवक का नाम विजपाल और पिता का नाम रामचरन निवासी शिवपुरी, थाना बंडा मिला, जिस पर गांव के लोगों से उसकी शिनाख्त कराई गई । मृतक के भाई मुकेश ने बताया कि उसका बड़ा भाई कभी भी दोबारा घर लौटकर नहीं आया और न ही उससे किसी भी प्रकार का कोई संपर्क रहा। जब पुलिस ने आधार कार्ड निकाला तो गांव के लोग भी दंग रह गए। फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है और पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
लोग कर रहे थे तरह-तरह की चर्चाएं
विजपाल की मौत को लेकर गांव में तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि जो व्यक्ति अपने माता और पिता की मौत पर अपने घर नहीं आया, उसने अचानक गांव में आकर आत्महत्या करने का निर्णय कैसे लिया। साथ ही कुछ लोग इसे जमीन से जुड़ा हुआ विवाद भी बताकर तरह तरह की चर्चाएं कर रहे थे। इतना ही नहीं लोगों की माने तो विजपाल अपने हिस्से की भूमि को पहले ही बेचकर मोटर साइकिल खरीद कर लाया था और तुरंत ही घर छोड़कर गांव से चला गया था। पिता रामचरन के हिस्से में करीब डेढ़ एकड़ जमीन आ रही थी, जिसमें भी मृतक के दो अन्य भाई भी थे। था । फिलहाल युवक के गांव आकर अचानक से फंदे पर लटक कर जान देने वाली बात लोगों को हजम नहीं हो रही है, जिसके चलते क्षेत्र में तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
घंटों लटकता रहा विजपाल का शव
विजपाल ने कब फांसी लगाकर आत्महत्या की, इसकी किसी को कोई जानकारी नहीं है लेकिन जब गांव के ही रतिराम ने शव को सुबह सात बजे लटकता हुआ देखा और उसकी सूचना खेत स्वामी को भी तुरंत दे दी थी, लेकिन सूचना मिलने के बाद भी किसी ने शव को उतारने की कोशिश नहीं की। इतना ही नहीं महज 13 साल पहले घर छोड़कर गए गांव के ही युवक को परिवार के सदस्यों सहित गांव के किसी भी व्यक्ति ने पहचानने से मना कर दिया। पुलिस को समय से सूचना देने की कोशिश नहीं की, जिसके चलते विजपाल का शव घंटों लटकता रहा।
मामले की जांच की जा रही है। युवक के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी