एटा ; नीट की तैयारी कर रही छात्रा ने डिप्रेशन में आकर जान दे दी। उसका शव घर में फंदे पर लटका मिला। एक वर्ष तक उसने कोटा में कोचिंग की थी। इसके बाद पिछले वर्ष वह वापस घर आ गई। तब से घर पर ही रहकर तैयारी कर रही थी। इस घटना के बाद छात्रा के घर में कोहराम मचा है। वह मेधावी थी।
शहर के मोहल्ला सिविल लाइंस निवासी अनिल कुमार की 19 वर्षीय बेटी खुशी ने सोमवार सुबह छह बजे मां सीमा देवी को बासोड़ा पूजा के लिए भेज दिया। इसके बाद वह चौथी मंजिल के कमरे में पड़े अपने झूले पर पहुंची, जहां कुंदे में स्टाल से फंदा लगा लिया।
पूजा करने के बाद जब घर लौटी मां ने बेटी को फंदे पर लटका देखा तो चीख-पुकार मचा दी, जिससे अन्य स्वजन मौके पर पहुंच गए। आसपास के लोग भी अनिल कुमार के आवास पर एकत्रित हो गए। मामले की सूचना पुलिस को दी गई, जिस पर कोतवाली नगर पुलिस फील्ड यूनिट टीम के साथ मौके पर पहुंच गई। टीम ने मौके से साक्ष्य एकत्रित किए हैं।
पिता ने पुलिस को बताया कि उनकी बेटी ने सेंट पाल्स स्कूल से हाईस्कूल और इंटर में अच्छे अंक प्राप्त किए थे, इसके बाद वह अपनी मां के साथ नीट की कोचिंग करने के लिए अपनी मां के साथ राजस्थान प्रांत के कोटा चली गई, जहां एक साल तक उसने नीट की कोचिंग की। बताया जा रहा है कि वहां प्री टेस्ट में अंक कुछ कम आए, तभी से वह डिप्रेशन में रहने लगी। इसके बाद वर्ष 2023 में वह घर आ गई। तभी से बेटी घर पर रहकर नीट परीक्षा की तैयारी कर रही थी। आत्महत्या के पीछे मानसिक तनाव बताया जा रहा है। खुशी के पिता कंप्यूटर सेंटर के संचालक हैं। कोतवाली नगर के इंस्पेक्टर अरुण पवार ने बताया कि आत्महत्या के इस मामले की फिलहाल छानबीन की जा रही है।
पैनल से हुआ पोस्टमार्टम, बिसरा सुरक्षित
नीट परीक्षा की तैयारी कर रही छात्रा खुशी के शव का पैनल के तहत डा. राजीव किशोर, डा. अनंत व्यास तथा डा. नीतू कुमारी द्वारा पोस्टमार्टम किया गया।। इस दौरान वीडियोग्राफी भी कराई गई। उसका बिसरा जांच को सुरक्षित किया गया है। इसके अलावा दो स्लाइड भी तैयार की गईं, जिन्हें जांच के लिए भेजा जा रहा है।
स्वजन नहीं चाहते थे पोस्टमार्टम कराना
होनहार छात्रा खुशी द्वारा की गई आत्महत्या को लेकर मां-बाप गहरे सदमे में थे। बेटी के शव का पोस्टमार्टम भी नहीं कराना चाहते थे, लेकिन पुलिस नहीं मानी। खुशी दो भाई-बहन थे। छोटे भाई हर्ष ने इंटर की परीक्षा दी है। पोस्टमार्टम के बाद उसके शव को स्वजन सीधे अंतिम संस्कार के लिए ले गए।
तनाव से बचें छात्र-छात्राएं
जेएलएन डिग्री कालेज के प्राचार्य डा. बीबीएस परिहार का कहना है कि छात्र-छात्राओं को डिप्रेशन में नहीं आना चाहिए। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते समय यह ध्यान रखें कि जरूरी नहीं कि एक बार में ही कोई प्रतियोगिता पास कर ले। सारे विकल्प खुले रखने चाहिए। बच्चा अगर डिप्रेशन में है तो माता-पिता से अच्छा काउंसलर कोई नहीं है। डिप्रेशन वाले बच्चे की काउंसलिंग खुद करें या फिर किसी से कराएं। बच्चे से दोस्ताना व्यवहार रखें। हर समय किताबी कीड़ा न बनने दें। दीनदुनियां की बातें भी समझाएं।
वैष्णों देवी जाने की थी तैयारी
अप्रैल के अंत में वैष्णो देवी जाने की परिवार ने तैयारी कर रखी थी, लेकिन इससे पहले ही बेटी ने जान दे दी। उसने कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा।