Moradabad: तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद में देश के जाने-माने फिजिक्स एक्सपर्ट्स जुटेंगे। फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग- एफओई में आयोजित दो दिनी 05वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस में आईआईटी- हैदराबाद, एनपीएल- दिल्ली, एनआईटी समेत ये विशेषज्ञ न केवल अपने शोधपत्र पढ़ेंगे, बल्कि अपने अनुभव भी साझा करेंगे। 14 फरवरी से आयोजित इस कॉन्फ्रेंस के चार सत्रों में 150 से अधिक शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। इनके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन मैटेरियल्स एंड डिवाइसेज़- एनसीएमडी में 10 आमंत्रित विशेषज्ञ भी अपने रिसर्च पेपर प्रस्तुत करेंगे। इससे पूर्व सीएसआईआर के निदेशक प्रो. वेणुगोपाल अचंता एवम् टीएमयू के वीसी प्रो. वीके जैन एलटी-06 में कॉन्फ्रेंस का संयुक्त रुप से विधिवत शुभारम्भ करेंगे। इस मौके पर जाधवपुर यूनिवर्सिटी के प्रो. केके चटोपाध्याय, बीएचयू की प्रो. नीलम श्रीवास्तव, हैदराबाद यूनिवर्सिटी के डॉ. एके चौधरी, एनआईटी- जालंधर के डॉ. प्रवीन मलिक, एएमयू- अलीगढ़ के डॉ. जयप्रकाश, आईआईटी- हैदराबाद के डॉ. योगेश श्रीवास्तव आदि की उल्लेखनीय मौजूदगी रहेगी।
कॉन्फ्रेंस जनरल चेयर एवम् फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग के डीन प्रो. आरके द्विवेदी ने बताया, यह कॉन्फ्रेंस फिजिक्स के रिसर्चर्स और स्टुडेंट्स के लिए मील का पत्थर साबित होगी। एनसीएमडी- 2025 में सेमीकंडक्टर, सिरेमिक, कम्पोजिट पॉलीमर, बायोमैटेरियल्स, सेंसर्स, नैनोमैटेरियल्स आदि पर गहन मंथन होगा। उल्लेखनीय है, एफओई की ओर से यह कॉन्फ्रेंस 2020 से लगातार आयोजित हो रही है। कॉन्फ्रेंस के कन्वीनर्स- डॉ. अमित शर्मा और डॉ. दीप्तोनिल बनर्जी बताते हैं, बेस्ट रिसर्च पेपर एंड पोस्टर प्रस्तुतकर्ता को पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत उत्कृष्ट पेपर्स इंटरनेशनल जर्नल- वाइली के मैक्रोमोलेक्यूलर सिम्पोजिया में प्रकाशित किए जाएंगे।
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नई टेक क्रांति में मैटेरियल्स-डिवाइसेज़ का अहम रोल
एनसीएमडी कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य 21वीं सदी में आ रही तकनीकी चुनौतियों का निदान खोजना है। आईटी क्षेत्र की कोई भी क्रांति बिना मैटेरियल्स के अधूरी है। उदारहण के लिए हमें ऐसे सेमीकंडक्टर मैटेरियल्स और डिवाइसेज़ तैयार करने होंगे, जो कम लागत, कम स्पेस के संग-संग हाई प्रोसेसिंग स्पीड सरीखा कार्य करें और टिकाऊ रहे। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत-2047 के लक्ष्य को पूरा करने में एआई के साथ-साथ मैटेरियल्स एंड डिवाइसेज़ का भी अहम रोल रहेगा।
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग की ओर से दो दिनी नेशनल कॉन्फ्रेंस के चार सत्रों में प्रजेंट होंगे 150 शोधपत्र