इलाहाबाद न्यूज़: गवाह उमेश पाल की हत्या में शामिल पांच लाख रुपये के इनामी गुड्डू मुस्लिम ने बाराबंकी से विस्फोटक मंगवाये थे. फिर अपनी देखरेख में ही उसने करीब दो दर्जन बम तैयार कराये थे. बम की तीव्रता उतनी ही रखी गई थी जिससे आस पास लोग न जुट सके और अफरातफरी मच जाये. यह बातें भी दिल्ली में पकड़े गये मददगारों और हिरासत में लिये गये दो युवकों से पूछताछ में सामने आयी है. एसटीएफ अब इन बयानों की सच्चाई का पता कर रही है.
अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या के बाद एसटीएफ की जांच और तेज हो गई है. उमेश पाल की हत्या में मुख्य भूमिका अदा करने वाले बमबाज गुड्डु मुस्लिम की कई और करतूतें सामने आ रही है. गुडडू मुस्लिम का नेटवर्क लखनऊ से प्रयागराज और मुम्बई तक फैला हुआ था. वह बम बनाने में निपुण था. साथ ही अतीक का बेहद करीबी था. अतीक के बेटे भी उसकी हर बात मानते थे. यही वजह थी कि इस हत्याकाण्ड के लिये शूटर, पिस्टल और बम बनाने का जिम्मा भी गुड्डू मुस्लिम ने ही सम्भाल रखा था.
बाराबंकी से लोग आते थे, अकेले मिलता था उनसे हिरासत में लिये गये दो लोगों ने एसटीएफ को बताया कि गुडडू मुस्लिम पुराना महानगर स्थित असद के फ्लैट पर अक्सर जाता था. यही पर उससे बाराबंकी के दो लोग मिलने आते थे. इन दोनों ने ही उसे बाराबंकी से लाकर बारूद और कुछ उपकरण दिये थे. फिर इन्हें लेकर गुड्डू मुस्लिम प्रयागराज और मेरठ गया था. मेरठ में डॉ. अखलाक के घर भी उसने बम बनाने के बारे में चर्चा की थी. यह साफ नहीं हो सका है कि उसने ये बम प्रयागराज में तैयार कराये या मेरठ में.