Gorakhpur: पत्नी को गाली देने से नाराज पड़ोसी ने मौत के घाट उतारा था

"पत्नी को गाली देने पर युवक की ली थी जान"

Update: 2025-01-15 05:50 GMT

गोरखपुर: गांव मिल्क रावली में पीट-पीटकर की गई विनोद कुमार की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पत्नी को गाली देने से नाराज पड़ोसी ने मौत के घाट उतारा था. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके पास से हत्या में इस्तेमाल किया गया डंडा बरामद कर लिया है.

एसीपी मसूरी सर्किल सिद्वार्थ गौतम ने बताया कि गांव मिल्क रावली में रात 35 वर्षीय विनोद कुमार की डंडे से पीट पीटकर हत्या कर दी गई थी. सुबह शव चारपाई पर पड़ा मिला. एसीपी सिद्वार्थ गौतम ने बताया कि 24 घंटे के अंदर ही हत्या का खुलासा कर दिया गया. पुलिस ने पड़ोसी मोहित शर्मा को गिरफ्तार किया है. पूछताछ में मोहित शर्मा ने बताया कि रात को वह ड्यूटी से घर आया था. इसी बीच पड़ोसी विनोद कुमार उनकी पत्नी को गाली दे रहा था. गाली देने से मना किया तो विनोद डंडा लेकर आ गया. इसके बाद उसने विनोद से डंडा छीनकर उसके पैरों में मार दिया,जिस कारण वह जमीन पर गिर गया और सिर में चोट लग गई. सुबह उसकी मौत हो गई थी. डर के चलते घर से भाग गया.

साथी की गिरफ्तारी पर हंगामा किया: विदेशी संस्था के पदाधिकारी की गिरफ्तारी के विरोध में संस्था के पदाधिकारियों ने कविनगर थाने में हंगामा किया. पुलिस ने हंगामा करने पर महिला समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया.

एसीपी कविनगर ने आरडीसी में यूएलसीटी सीरीज की नंबर प्लेट लगी एक गाड़ी को रोका और कार चालक से पूछताछ की. पूछताछ में आरोपी ने खुद को मिनिस्टर इमोवेन बताते हुए देश का कानून मानने से इनकार कर दिया. उसका कहना था कि वह यूनिवर्सल लॉ कम्युनिटी ट्रस्ट से जुड़ा है और भारत के बजाए यूनिवर्सल कानून को मानता है. उसने पुलिस पर रौब जमाया कि पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर सकती है. पुलिस ने आरोपी को शांतिभंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था. घंटों की पूछताछ के बाद पुलिस को आरोपी का असली नाम प्रशांत झा निवासी गोविंदपुरम पता चला. जेल से छूटने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने को प्रशांत झा से संस्था के नियमों और उसकी सक्रियता के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया, लेकिन उसने जानकारी देने से इनकार कर दिया.

वहीं, युवक की गिरफ्तारी के विरोध में एक महिला समेत चार लोग एसीपी कविनगर के पास पहुंचे. चारों ने भी खुद को मिनिस्टर एमोवेन बताया. चारों ने पत्र एसीपी को सौंपते हुए वीडियोग्राफी करनी चाही तो पुलिस ने उन्हें रोका, जिस पर चारों भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया. हंगामा करने पर पुलिस ने उन्हें शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. वहीं, गिरफ्तार आरोपियों से सुरक्षा एजेंसियां विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी जुटा रही हैं.

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