लखनऊ न्यूज़: लखनऊ से 16 मार्गों पर चलने वाले वाहनों की अधिकतम रफ्तार तय हो गई है. शहर के अंदर अधिकतम 40 तो आउटर पर 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार मान्य होगी. वाहनों की गति सीमा की गणना सड़कों की दशा, लंबाई और चौड़ाई के साथ वाहनों की संख्या के आधार पर तय की गई है. परिवहन विभाग ने सड़कों पर वाहनों के रफ्तार पर किए सर्वे में तीन तरह की सड़कों को आधार बनाकर गति सीमा तय की है.
वाहनों की गति सीमा हर पांच साल में निर्धारित की जाती हैं. इस बार गति सीमा में सिर्फ इटौंजा से सीतापुर के बीच 60 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार बढ़ाकर 80 किमी. प्रति घंटे की गई है. शहर में 40 किमी. प्रति घंटे ही रहेगी.
उल्लंघन पर चार हजार रुपये का चालान चिन्हित मार्गों पर तय गति सीमा से तेज रफ्तार मं् दौड़ने वाले वाहनों पर लगाम लगाने की तैयारी है. परिवहन विभाग सभी रूटों पर कैमरे लगाएगा. गति सीमा का उल्लंघन करने पर चार हजार रुपये का चालान कटेगा.
● हर पांच वर्ष पर परिवहन विभाग तय करता है रफ्तार
● शहर में 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार निर्धारित
हर पांच साल पर विभिन्न प्रकार की सड़कों पर गति सीमा निर्धारित होती है. इस क्रम में नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे और जिले की सड़कों पर गति सीमा तय की गई है. इससे क्षमता से ज्यादा तेज रफ्तार में वाहनों को पकड़ना आसान होता है.
पुष्पसेन सत्यार्थी, अपर परिवहन आयुक्त (सड़क सुरक्षा)
लखनऊ में छह सड़कों पर गति सीमा तय हुई
दुबग्गा से हरदोई रोड 40 किमी.
दुबग्गा से बाराविरवा 40 किमी.
चारबाग से सुलतानपुर 40 किमी.
चारबाग से मटियारी 40 किमी.
मटियारी से देवा रोड 40 किमी.
नगर निगम सीमा में 40 किमी.
नेशनल हाईवे के चार मार्ग
मार्ग का नाम गति सीमा
इटौंजा से सीतापुर 80 किमी.
बंथरा से कानपुर 80 किमी.
कमता से शहीद पथ 80 किमी.
सफेदाबाद से अयोध्या 80 किमी.
पिछले वर्ष सड़क हादसों में तय क्षमता से तेज वाहन चलाने वाले 16 हजार 607 सड़क हादसे किए. इनमें 9297 वाहन सवारों को जान गंवानी पड़ी. ऐसे में गति सीमा से तेज रफ्तार में वाहन चलाने वाले यूपी में दूसरे नंबर पर है.