Slow typing: धीमी टाइपिंग होने पर यूपी सरकार ने की इन कर्मियों पर कार्यवाही
Slow typing: उत्तर प्रदेश शासन सचिवालय में तैनात जिन समीक्षा अधिकारी (Review Officers) (आरओ) की हिंदी टाइपिंग स्पीड 25 शब्द प्रति मिनट नहीं है, उनका विश्लेषण किया गया। ऐसे आरओ को टाइपिंग टेस्ट में गलत तरीके से पास कराने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। आरओ को दिए गए वेतन वृद्धि लाभ की वसूली भी इन अधिकारियों से की जाएगी।
इस आशय का आदेश प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन ने जारी किया। रवींद्र नायक (Ravindra Nayak) को पदमुक्त कर दिया गया है। आदेश जारी होते ही समीक्षा अधिकारियों में हड़कंप मच गया। शासन को सूचना मिल रही थी कि कई आरओ को टाइपिंग नहीं आती और वे किसी तरह कंप्यूटर ऑपरेटरों के जरिए अपना काम चला रहे हैं। इसके बाद यह सख्त आदेश जारी किया गया।
टाइपिंग टेस्ट निष्पक्ष संस्था के विशेषज्ञ के समक्ष ही कराया जाना चाहिए।
इस आशय का पत्र प्रमुख सचिव ने सचिवालय की सभी शाखाओं को भेजा है। जिसमें लिखा है कि वे अपने अधीन सीधी भर्ती से नियुक्त प्रूफरीडर (proofreaders) जिन्हें पिछले पांच वर्षों में पहली वार्षिक वेतन वृद्धि मिली है, वे अपनी हिंदी टाइपिंग स्पीड 25 शब्द प्रति मिनट होने का प्रमाण पत्र सचिवालय प्रशासन विभाग को अवश्य जमा कराएं। न्यूनतम टाइपिंग गति 25 शब्द प्रति मिनट के लिए यदि परीक्षण किसी निष्पक्ष एजेंसी जैसे आईटीआई विशेषज्ञ (ITI expert) से नहीं कराया जाता है तो किसी विशेषज्ञ से परीक्षण कराएं। ताकि टाइपिंग टेस्ट का आकलन सही हो। यह भी लिखा है कि उत्तर प्रदेश सचिवालय अधीनस्थ सेवा नियमावली-1999 में यह प्रावधान है कि एक वर्ष की सेवा पूरी करने, परिवीक्षा अवधि पूरी करने तथा अन्य योग्यताओं के साथ हिंदी टाइपिंग में न्यूनतम गति 25 शब्द प्रति मिनट होने पर ही किसी व्यक्ति को सीधी भर्ती द्वारा नियुक्त किया जा सकता है, प्रूफरीडिंग अधिकारी को प्रथम वार्षिक वेतन वृद्धि मिलने की अपेक्षा की जाती है।