कई सरकारी अस्पतालों में दवाओं की भारी किल्लत, मरीज परेशान

Update: 2023-07-14 06:02 GMT

गोपालगंज न्यूज़: जिले के सदर अस्पताल से लेकर ग्रामीण इलाकों में संचालित पीएचसी व सीएचसी व अनुमंडलीय अस्पतालों में जरूरी दवाओं की कमी बनी हुई है. दवाओं की किल्लत से मरीजों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ रही है. सदर अस्पताल में करीब करीब पांच प्रकार दवाएं उपलब्ध नहीं हैं.

बैकुंठपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 12 प्रकार की दवाओं की कमी है. सर्जिकल आइटम में 59 की जगह 52 प्रकार की दवाएं फिलहाल उपलब्ध हैं. सल्फर डेक्सीन, हाइड्रोफन, पैराडाइऑक्साइड, सलूशन इटनी लोशन का अभाव है. ओपीडी में 55 में से 50 प्रकार की दवाएं मिल रही हैं. सेफ एनामिक एसिड, लियोक्लाज, माइक्रोडाइट दवा की किल्लत है. आपातकालीन सेवा में 59 प्रकार की दवाओं की सूची अस्पताल में लगाई गई है. जिनमें 52 प्रकार की ही उपलब्ध हैं. निफेडीपी, विटामिन, प्रोफोटोज स्कॉर्पियन सहित अन्य दवाओं की कमी बनी हुई है. अस्पताल में अनुपलब्ध दवाओं के बदले मरीजों को या तो बाहर से दवा खरीदना मजबूरी बन जाती है या फिर कंपोजीशन दवा के आधार पर मरीजों का इलाज किया जाता है.

कटेया में बाहर से दवा खरीद रहे हैं मरीज

रेफरल अस्पताल में दवाओं के अभाव में मरीज अस्पताल के बाहर दुकानों में महंगे दामों पर दवा खरीदने पर मजबूर हैं. दवा नहीं मिलने से सबसे अधिक गरीब तबके के मरीज प्रभावित हो रहे हैं. कटेया रेफरल अस्पताल के हेल्थ मैनेजर अजीत कुमार ने बताया कि जिला से आपूर्ति नहीं होने से कुछ दवाओं की कमी है. यहां ओपीडी में कुल 203 तरह की दवाएं होनी चाहिए, जिसमें 144 तरह की दवाएं उपलब्ध हैं. आईपीडी में कुल 90 तरह की दवाएं होनी चाहिए, जिसमें से 70 तरह की दवाएं उपलब्ध हैं.

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