वैज्ञानिकों ने गांवों में परीक्षण को लगाए गए धान की फसल का किया निरीक्षण

धान की फसल का किया निरीक्षण

Update: 2021-09-23 13:35 GMT

बहराइच। संवाददाता

कृषि विज्ञान केंद्र नानपारा के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ. केएम सिंह ने अन्य वैज्ञानिकों के साथ बलहा ब्लॉक के गांवों में परीक्षण को लगाए गए धान की फसल का निरीक्षण किया। वैज्ञानिकों की ओर से धान की फसल नरेंद्र धान 2065 के उत्पादन को लेकर किसानों से अनुभव साझा किए गए। इस दौरान कार्यक्रम में 25 से अधिक किसान शामिल हुए।

वैज्ञानिकों की टीम की ओर से खरीफ में नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय की ओर से विकसित प्रजाति नरेंद्र धान 2065 निरीक्षण किया गया। किसानों के साथ फसल का भ्रमण भी किया गया। नरेंद्र धान 2065 के लिए 35 से 40 प्रोग्राम प्रति हेक्टेयर बीच की आवश्यकता होती है। 120 किलोग्राम नाइट्रोजन 60 किलोग्राम फास्फोरस तथा चार किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर के लिए जरूरत होती है। जून के मध्य में इसकी नर्सरी डाली जाती है, जुलाई मध्य में इसकी रोपाई की गई है। अच्छी फसल को देखकर कृषक उत्साहित हैं। 55 से 60 कुंतल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देने वाली यह प्रजाति 130 से 135 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। इस अवसर पर केंद्र की वैज्ञानिक डॉ. विनय कुमार, रेनू आर्य, एसबी सिंह व किसान मौजूद रहे।
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