समाजवादी पार्टी ने फूलपुर में जीत के साथ शुरू किया था अपना ‘सफर’
पटेल जिले में सपा के पहले सांसद निर्वाचित होकर देश की सबसे बड़ी पंचायत में पहुंच गए
इलाहाबाद: 11वीं लोकसभा के गठन के लिए हुए चुनाव में जिले के सियासी समीकरण कुछ इस तरह बदले की जंग बहादुर सिंह पटेल ने न केवल बसपा का दामन छोड़ा बल्कि अपना चुनाव क्षेत्र भी बदल दिया. 1989 और 1991 में बसपा के हाथी पर सवार होकर इलाहाबाद सीट से चुनाव मैदान में उतरे पटेल ने 1996 के चुनाव में साइकिल की सवारी कर ली और फूलपुर चले गए. उनके लिए यह बदलाव मुफीद साबित हुआ. पटेल जिले में सपा के पहले सांसद निर्वाचित होकर देश की सबसे बड़ी पंचायत में पहुंच गए.
इस जीत के साथ जिले में सपा के राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई. 1996 के चुनाव में सपा पहली बार मुकाबिल थी. स्थिति यह बनी की लगातार चुनावों से फूलपुर से जीत रहे रामपूजन पटेल इस चुनाव में चौथे स्थान पर चले गए थे. इस बार वह कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे थे जबकि इससे पूर्व के चुनाव में से 1984 में वह कांग्रेस और 1989 और 1991 में जनता दल के टिकट पर सांसद चुने गए थे. बसपा दूसरे और भाजपा तीसरे स्थान पर थी.
इधर, इलाहाबाद संसदीय सीट पर भी पहली बार भाजपा को मौका मिला. हालांकि भाजपा ने 1991 के चुनाव में भी इलाहाबाद से श्यामाचरण गुप्ता को टिकट दिया था लेकिन वह चुनाव नहीं जीत सके थे. इस हार से सबक लेते हुए भाजपा ने 1996 के चुनाव में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे डॉ. मुरली मनोहर जोशी को उतारा. डॉ. जोशी ने शानदार उपस्थिति दर्ज कराई और जनता दल की प्रत्याशी और तत्कालीन सांसद सरोज दुबे को एक लाख से अधिक मतों से पराजित कर दिल्ली पहुंच गए.
चायल में भाजपा को पहली जीत : चायल में 1996 के चुनाव में भाजपा को पहली जीत मिली. भाजपा के अमृत लाल भारती जीते थे, उन्होंने सपा प्रत्याशी सुरेश पासी को पराजित किया था. इन नों की लड़ाई में 1991 के चुनाव में जनता दल से सांसद चुने गए शशि प्रकाश तीसरे स्थान पर चले गए थे.