इंदिरापुरम समेत कई योजनाओं की सड़कें सुधरेंगी, कई जगह की है टूटी सड़कें

Update: 2023-05-08 15:15 GMT

गाजियाबाद न्यूज़: इंदिरापुरम समेत कई योजनाओं की टूटी सड़कें दुरुस्त होंगी. बदहाल पार्कों को भी आबाद किया जाएगा और उनका सौंदर्यीकरण बढ़ेगा. इसपर जीडीए इस वित्तीय वर्ष करीब 200 करोड़ से अधिक खर्च करेगा.

जीडीए इंदिरापुरम, मधुबन बापूधाम, स्वर्णजयंतीपुरम, राजनगर एक्सटेंशन, तुसली निकेतन समेत कई योजनाओं का रखरखाव खुद करता है. यह योजनाएं अभी तक नगर निगम को हैंडओवर नहीं हुई है. इस कारण यहां साफ सफाई से लेकर टूटी सड़कों की मरम्मत का काम प्राधिकरण द्वारा किया जाता है. वहीं, प्राधिकरण की योजनाओं के पार्क भी बदहाल हो चुके हैं. इन बदहाल पार्कों का सौंदर्यीकरण करना है. इसके लिए प्राधिकरण ने इस वित्तीय वर्ष टूटी सड़कों की दुरुस्त करने और बदहाल पार्कों को आबाद करने के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट रखा है. ताकि इनकी देखरेख सही से हो सके. जीडीए अधिकारी बताते हैं कि बजट के अभाव में प्राधिकऱण जिन योजनाओं में देखरेख करता है, वहां की सड़कों की मरम्मत नहीं हो सकी थी. जबकि कई पार्क ऐसे है, जहां साफ सफाई को कराई जा चुकी है, लेकिन उनका सौंदर्यीकरण नहीं हो सका है. इस बजट को इन सभी कार्यों पर खर्च किया जाएगा. ताकि यह दुरुस्त हो सके.

कई जगह की है टूटी सड़कें इंदिरापुरम समेत स्वर्णजयंतीपुरम योजना में कई सड़कें टूटी हुई है. इनकी मरम्मत होना जरूरी है. ताकि वाहन चालकों को परेशानी न हो. इसके अलावा मधुबन बापूधाम, राजनगर एक्सटेंशन में भी कई सड़कों टूटी हुई है.

इस वित्तीय वर्ष 1200 करोड़ का रखा है बजट

जीडीए ने इस वित्तीय वर्ष 1200 रुपये खर्च रखा है. इस बजट को स्वीकृत करने के बाद अंतिम अनुमति के लिए मेरठ मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे. को भेजा है. उनकी अनुमति मिलने के बाद ही इस पर मुहर लग जाएगी. फिर प्राधिकरण योजना अनुसार खर्च करेगा.

प्राधिकरण के 140 पार्क

जीडीए की योजनाओं में140 पार्क है. इसमें से करीब दस पार्क बड़े हैं. बड़े पार्क की देखरेख के लिए प्राधिकरण इन्हें ठेकेदारी पर देता है. ताकि यहां साफ सफाई से लेकर सौंदर्यीकरण किया जा सके. प्राधिकरण की तरफ से टेंडर जारी कर एजेंसियां नियुक्त की जाती है. एक साल तक एजेंसियां इन पार्कों की देखरेख करती है.

जिन योजनाओं की देखरेख प्राधिकरण करता है. वहां साफ-सफाई से लेकर अन्य विकास कार्य भी कराए जाते हैं. इस वित्तीय वर्ष में सड़कों, सौंदर्यीकरण व पार्कों की देखरेख पर भी करीब 200 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है.

-सीपी त्रिपाठी, अपर सचिव, जीडीए

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