मेरठ: मार्च में प्रायोरिटी सेक्शन में रैपिड को सुचारू ढंग से दौड़ाने की दिशा में एनसीआरटीसी ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के प्रायोरिटी सेक्शन में निर्माण कार्य के लिए सड़क के बीच में लगाए गए सभी बैरिकेडिंग हटा दिए गए हैं। तमाम बैरिकेडिंग हटने से इस रूट पर अब यातायात व्यवस्था भी सुचारू हो गई है।
गौरतलब है कि इस कॉरिडोर का 17 किमी का क्षेत्र प्रायोरिटी सेक्शन में आता है, जिसमें कुल 5 स्टेशन हैं। इन सभी पांच स्टेशनों के बीच मार्च से रैपिड ट्रेन सुचारू ढंग से दौड़ना शुरू कर देगी। साहिबाबाद से गाजियाबाद के बीच में पहले ही बैरिकेडिंग हटा ली गई है। इसके अलावा। दिल्ली-मेरठ रोड पर गाजियाबाद-मेरठ तिराहे से दुहाई स्थित ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) तक के लगभग 10 किमी के हिस्से में गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई आरआरटीएस स्टेशन आते हैं।
इन स्टेशनों के बीच वायाडक्ट निर्माण 100 प्रतिशत पूरा हो चुका है और वायाडक्ट के नीचे लगाई गई तमाम बैरिकेडिंग को भी हटा लिया गया है। एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार जहां कहीं गिनती की बैरिकेडिंग बची हुई हैं, वहां स्टेशनों का निर्माण पूरा होते ही पूरे सेक्शन को बैरिकेडिंग मुक्त कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस सेक्शन में इसी वर्ष आरआरटीएस सेवा संचालित करने का लक्ष्य है।
इस वक्त यहां आरआरटीएस ट्रेनों का टेस्ट रन किया जा रहा है। प्रायोरिटी सेक्शन के अलावा दुहाई से मेरठ की दिशा में भी निर्माण कार्य तेजी से जारी है। इस क्षेत्र में भी जहां जहां वायाडक्ट निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है वहां से भी बैरिकेडिंग हटाई जा रही हैं। दुहाई से मेरठ के शताब्दी नगर तक के क्षेत्र में अब तक लगभग एक तिहाई हिस्से से बैरिकेडिंग हटा दी गई है।
इस क्षेत्र से बैरिकेडिंग हटने से अब सड़क का एक पूरा भाग आवागमन के लिए पूरी तरह से खुल गया है। गौरतलब है कि एनसीआरटीसी ने निर्माण कार्य से पहले इस सड़क का दोनों तरफ से पांच पांच मीटर चौड़ीकरण भी किया था। वहीं, दूसरी ओर वायाडक्ट के नीचे बनाए जा रहे सड़क डिवाइडर स्पेस में पौधा रोपण भी किया जा रहा है।