उद्योगपतियों के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार एवं गुजरात निवेश के लिए भारी भरकम छूट की आफर्स के साथ संभावनाएं
निर्विघ्न 24 घंटे बिजली सप्लाई, एक्सपेंशन के लिए नए औद्योगिक क्षेत्र एवं अन्य समस्याओं से जूझ रहे।
जालंधर : निर्विघ्न 24 घंटे बिजली सप्लाई, एक्सपेंशन के लिए नए औद्योगिक क्षेत्र एवं अन्य समस्याओं से जूझ रहे. पंजाब के उद्योगपतियों के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार एवं गुजरात निवेश के लिए भारी भरकम छूट की आफर्स के साथ संभावनाएं दिखा रहे हैं। वहां की सरकारों की तरफ से इसमें उद्योगपतियों को निर्विघ्न पावर सप्लाई, संयंत्र और मशीनरी स्थापित करने सब्सिडी देने की बात कही जा रही है। जालंधर के करीब 10 उद्योगपति आफर्स को लेकर गंभीरता से विचार भी करने लगे हैं।
कुछ दिन पहले ही औद्योगिक नगरी लुधियाना में बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने उद्योगपतियों के साथ बैठक की थी। इसमें टैक्सटाइल और चमड़ा उद्योगपतियों के लिए भूमि परिवर्तन शुल्क से छूट, स्टांप शुल्क व पंजीकरण शुल्क से छूट के अलावा यह जानकारी दी गई कि बिहार पात्र इकाइयों को 20,000 रुपये प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष की दर से कौशल विकास सब्सिडी भी प्रदान कर रहा है। यदि 10 करोड़ तक का पूंजी निवेश होता है तो संयंत्र और मशीनरी स्थापित करने के लिए 15 प्रतिशत प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस बैठक में आटोमोबाइल क्षेत्र के उद्योगपति भी शामिल थे। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने 2021 में पंजाब के उद्योगपतियों को आफर दी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंजाब के उद्योगपतियों के शिष्टमंडल के साथ बैठक की थी। यमुना एक्सप्रेस-वे के आसपास के क्षेत्र जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के पास औद्योगिक क्लस्टर स्थापित करने का आफर भी प्रदान किया जा चुका है। इसमें कहा गया था कि उत्तर प्रदेश में श्रमिक सस्ती दरों पर उपलब्ध हो सकेंगे। नोएडा में उद्योग स्थापित करने से पंजाब के उद्योगपतियों को कच्चा माल मंगवाने एवं तैयार माल को बंदरगाह तक पहुंचाने में कोई खासी परेशानी नहीं होगी। भाड़ा भी कम हो जाएगा। जालंधर के उद्योगपति उत्तर प्रदेश सरकार के आफर से ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। वहीं कुछ दिन पहले ही गुजरात सरकार की तरफ से पंजाब एवं विशेषकर जालंधर के उद्योगपतियों को पत्र भेजकर गुजरात में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया गया है।
स्पोर्ट्स मैन्युफैक्चरिग इंडस्ट्री को भिजवाए गए पत्र में गुजरात सरकार की तरफ से लिखा गया है कि मार्च में गुजरात की स्पोर्ट्स पालिसी लागू हो गई है। इसमें स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरिग इकाइयों के लिए निवेश का उम्दा मौका है। हालांकि अभी तक उद्योगपति अन्य राज्यों में निवेश को लेकर अपनी रणनीति के बारे में कुछ भी सार्वजनिक तौर पर बोलने से गुरेज कर रहे हैं, लेकिन यह बात तय है कि पंजाब के विभिन्न शहरों समेत जालंधर के कई उद्योगपति बिहार, उत्तर प्रदेश एवं गुजरात में निवेश की संभावनाएं तलाश रहे हैं।
कई उद्योगपति दूसरे राज्यों में औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने का बना चुके मन : गुरशरण सिह
जालंधर इंडस्ट्रियल एंड ट्रेडर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी के कन्वीनर गुरशरण सिंह ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि लुधियाना और जालंधर के कई उद्योगपति बाहरी राज्यों में अपनी औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने का मन बना चुके हैं। जमीन खरीदने एवं औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने की प्रक्रिया भी चालू है। उन्होंने कहा कि पंजाब में इंडस्ट्री का आधारभूत ढांचा एवं परिस्थितियां पक्ष में न होने के चलते कुछ औद्योगिक इकाइयां बंद हो गई हैं तो कुछ पहले ही हिमाचल में जाकर स्थापित हो गई हैं। पंजाब की इंडस्ट्री में काम कम होने की वजह से पंजाब से जो श्रमिक उत्तर प्रदेश अथवा बिहार जा रहे हैं, वह वापस आ ही नहीं रहे हैं। पंजाब में रा मैटीरियल नहीं है, जो बाहरी राज्यों से मंगवाना पड़ता है। इससे लागत बढ़ जाती है। विदेशी खरीदार दिल्ली से ही वापस लौट रहा है। निर्विघ्न बिजली नहीं मिल पा रही है। पांच साल पहले जीएसटी आया था, लेकिन वैट के मसले अभी भी हल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि अगर अन्य राज्य में पंजाब की इंडस्ट्री को राहत मिलेगी तो इंडस्ट्री तो वहां जाएगी।