डीडीयू कुलपति के खिलाफ सत्याग्रह शुरू करने वाले प्रोफेसर को किया गया सस्पेंड, देर रात सड़क पर उतरे छात्र
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) के कुलपति प्रो. राजेश सिंह के खिलाफ अब तक फेसबुक, ट्विटर से लेकर राजभवन तक मोर्चा खोलने वाले हिन्दी विभाग के आचार्य प्रो. कमलेश कुमार गुप्त ने मंगलवार को सत्याग्रह शुरू कर दिया।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) के कुलपति प्रो. राजेश सिंह के खिलाफ अब तक फेसबुक, ट्विटर से लेकर राजभवन तक मोर्चा खोलने वाले हिन्दी विभाग के आचार्य प्रो. कमलेश कुमार गुप्त ने मंगलवार को सत्याग्रह शुरू कर दिया। आंदोलन को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें निलंबित कर दिया है। उनका साथ देने वाले सात शिक्षकों को भी नोटिस जारी किया गया है। साथ ही विवि में किसी भी तरह के धरना-प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी गई है।
प्रो. कमलेश गुप्त अपनी कक्षा लेने के बाद 11:15 बजे प्रशासनिक भवन पहुंचे। वे सत्याग्रह के लिए दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के पास पहुंचे तभी अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय सिंह और मुख्य नियंता प्रो. सतीश चन्द्र पाण्डेय को अपनी ओर आता देख फेसबुक लाइव शुरू कर दिया। विश्वविद्यालय के दोनों अधिकारी भी वहां पहुंच गए और उन्हें सत्याग्रह से रोकने की कोशिश करने लगे। उन्होंने कहा कि आपके पास ऑर्डर नहीं है कि आप यहां धरने पर बैठें।
देर रात छात्र सड़क पर उतरे
प्रो. कमलेश कुमार गुप्त के निलंबन और सात शिक्षकों को कारण बताओ नाटिस जारी किए जाने की खबर पाकर मंगलवार की रात करीब 10 बजे सभी छात्रावासों के छात्र आंदोलित हो उठे। सड़क से लेकर विवि के मुख्य द्वार तक करीब सवा घंटे तक प्रदर्शन किया। प्रो. कमलेश गुप्त के निलंबन की खबर छात्रावासियों को शाम को हो गई थी। उसके बाद छात्र इस मुद्दे पर प्रो. कमलेश गुप्त का साथ देने के लिए मुखर होने लगे थे। सहमति के बाद करीब 10 बजे सभी छात्रावासी बाहर निकल गए। वहां से हीरापुरी कॉलोनी, रेलवे बस स्टैंड, यूनिवर्सिटी चौराहा होते हुए पौने 11 बजे विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर पहुंचे। वहीं धरने पर बैठ गए। छात्रों के धरने की खबर पाकर कैंट पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और छात्रों को समझाने लगी। धरने के दौरान छात्रों ने निर्णय लिया कि बुधवार से वे प्रो. कमलेश के पक्ष में जनसमर्थन जुटाने के लिए अलग-अलग तरकीब अपनाएंगे।
बुधवार को प्रो. कमलेश गुप्त के सत्याग्रह के दौरान छात्र भी प्रशासनिक भवन पर प्रदर्शन करेंगे। शहर की सड़कों पर पैदल मार्च निकालकर जनसमर्थन जुटाएंगे। परिसर में भी घूमकर छात्रों से विश्वविद्यालय हित में प्रो. कमलेश गुप्त के समर्थन की अपील करेंगे। उनका आंदोलन प्रो. कमलेश गुप्त का निलंबन वापस लेने तक जारी रहेगा। रात सवा 11 बजे छात्रावासी वहां से वापस लौटे।
आरोपों की जांच को कमेटी
प्रो. कमलेश गुप्त को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उन पर लगे आरोप की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। जिसमें दो पूर्व कुलपति और एक कार्य परिषद सदस्य शामिल हैं। सात शिक्षकों को भी नोटिस जारी किया गया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने बंद कराया गेट
सत्याग्रह कर रहे प्रो. कमलेश को विवि के अधिकारियों ने रोकने की कोशिश की। प्रो. कमलेश ने कहा कि आप दोनों विद्यार्थियों के लिए हैं, शिक्षक के लिए नहीं हैं। इसके बाद दोनों पक्षों में तर्क होता रहा। इस दौरान अन्य शिक्षक भी प्रो. कमलेश के समर्थन में जुटने लगे। इसे देखते हुए धरना स्थल का गेट बंद करा दिया गया। इसके बाद समर्थन में शिक्षक गेट पर ही बैठ गए। वहां छात्र भी जुटने लगे। इसके बाद डीएसडब्ल्यू और चीफ प्रॉक्टर लौट गए। प्रो. कमलेश अपराह्न 3:15 बजे धरने से उठे। कहा कि मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। प्रो. चन्द्रभूषण अंकुर, प्रो. अजेय गुप्ता, प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी, प्रो. विजय शंकर वर्मा आदि ने समर्थन दिया।
विभागाध्यक्ष नहीं बन पाएंगे प्रो. कमलेश
डीडीयू के कुलसचिव विशेश्वर प्रसाद द्वारा जारी पत्र के मुताबिक हिन्दी विभाग के अध्यक्ष के रूप में प्रो. अनिल कुमार राय का कार्यकाल 28 दिसम्बर को पूर्ण हो रहा है। हिन्दी विभाग के वरिष्ठतम आचार्य प्रो. कमलेश कुमार गुप्त को विभागाध्यक्ष बनाया जाना था। कुलपति के आदेश के अनुपालन में उनके निलम्बित होने के कारण दूसरे वरिष्ठ आचार्य प्रो. दीपक प्रकाश त्यागी को विभागाध्यक्ष बनाया जाएगा।
सोशल मीडिया पर भी पोस्ट
फेसबुक और ट्विटर पर भी कमलेश गुप्ता के लिए छात्र समर्थन मांग रहे हैं। प्रो. कमलेश के फेसबुक लाइव को 60 से अधिक लोगों ने शेयर किया है तो छात्र उनके समर्थन में अलग-अलग तस्वीरें और वीडियो भी सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं।