Ghazipur: दलित बस्ती में सावित्रीबाई फूले के जयंती पर कुन्दन खरवार नें सौ कम्बल वितरित किए
Ghazipur: कुन्दन खरवार, प्रदेश महासचिव (प्रशासन) आदिवासी कांग्रेस उत्तरप्रदेश, ने सावित्रीबाई फुले की जयंती पर उन्हें याद किया और उनके योगदान को सलाम किया। सावित्रीबाई फुले एक महान शिक्षाविद् और समाजसुधारक थीं, जिन्होंने महिलाओं और दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया था।
उनका जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के सातारा जिले में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया, जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना। उन्होंने महाराष्ट्र में पहली बालिका विद्यालय की स्थापना की और पहले किसान स्कूल की संस्थापक बनीं। इस कार्यक्रम के आयोजक बंधुत्व मंच सावित्रीबाई फुले एक कवियत्री भी थीं और उन्हें मराठी की आदिकवियत्री के रूप में भी जाना जाता था। उनकी कविताओं में सामाजिक न्याय और महिलाओं के अधिकारों की बात की गई है। सावित्रीबाई फुले का निधन 10 मार्च 1897 को हुआ था, लेकिन उनकी विरासत आज भी जीवित है। उनके योगदान को याद करने के लिए हर साल 3 जनवरी को उनका जन्मदिन मनाया जाता है¹। इस कार्यक्रम के आयोजक बन्धुत्व मंच के छोटेलाल कुशवाहा रहें। पूर्व प्रदेश सचिव कांग्रेस उ.प्र. डा.जनक कुशवाहा सतीश उपाध्याय,राहुल कुशवाहा, मिथिलेश कुमार सिंह , छोटू सिंह उर्फ मालिक, महेन्द्र सिंह कुशवाहा अमरनाथ तिवारी आदि लोग उपस्थित रहें |