लखीमपुर कांड को लेकर प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, कहा- किसानों के साथ खड़े होने के बजाय अपने मंत्री का समर्थन किया
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि लखीमपुर किसान नरसंहार में सबसे महत्वपूर्ण पहलू था गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र का धमकी वाला भाषण और भाजपा सरकार ने किसानों के साथ खड़े होने के बजाय उनका समर्थन किया।
उन्होंने लिखा कि भाजपा सरकार ने अपने मंत्री की लाठी मजबूत की। न्याय का संघर्ष जारी है। पीड़ित किसान परिवार व हम सब मिलकर न्याय की लौ बुझने नहीं देंगे।
'अजय मिश्र धमकी नहीं देते तो शायद लखीमपुर हिंसा नहीं होती'
आपको बता दें कि सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने लखीमपुर हिंसा मामले में अंकित दास, लवकुश, सुमित जायसवाल व शिशुपाल की जमानत अर्जी खारिज करते हुए अहम टिप्पणी की थी। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने अपने आदेश में कहा, जैसा कि प्रस्तुत किया गया है, यह घटना नहीं होती अगर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कथित धमकी भरा बयान नहीं दिया होता। जैसा कि जांच एजेंसी की ओर से दायर जवाबी हलफनामे में बताया गया है और चार्जशीट में भी उल्लेख किया गया है।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि आरोप पत्र में केंद्रीय मंत्री के बेटे और अन्य आरोपियों के खिलाफ भारी सुबूतों का खुलासा होगा जिसे क्रूर, शैतानी, बर्बर, वीभत्स और अमानवीय करार दिया गया है। इनकी कथित कायरतापूर्ण हरकत से पांच लोगों की जान चली गई।
आरोप पत्र में कहा गया है कि किसान आंदोलन कर रहे थे और वे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के उस बयान के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे, जिसमें कथित तौर पर कहा गया था कि किसानों को खीरी जिले से खदेड़ दिया जाएगा। राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने भी इन सभी की जमानत का विरोध किया।
कानून निर्माताओं गैर-जिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए
'कानून निर्माताओं को कानून का उल्लंघन करने वाले के रूप में नहीं देखा जा सकता। उच्च पदों पर आसीन राजनीतिक व्यक्तियों को समाज में इसके प्रभावों को देखते हुए सभ्य भाषा में सार्वजनिक भाषण देना चाहिए। उन्हें गैर-जिम्मेदाराना बयान नहीं देना चाहिए, क्योंकि उन्हें अपनी स्थिति और उच्च पद की गरिमा के अनुरूप आचरण करना होता है।'
- हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ
मुख्य आरोपी आशीष की जमानत पर सुनवाई 25 को
सुप्रीम कोर्ट से जमानत रद्द होने के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे और मुख्य आशीष मिश्र उर्फ मोनू की तरफ से हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में दोबारा दायर जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने अगली सुनवाई 25 मई को नियत की है।
बता दें कि यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे के विरोध में पिछले साल तीन अक्तूबर को लखीमपुर खीरी में कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं को ले जा रहे वाहनों ने चार किसानों और एक पत्रकार को कुचल दिया था। इसके बाद हुई हिंसा में गुस्साई भीड़ ने बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं समेत तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी।