Uttar Pradesh उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में मुस्लिम बहुल इलाकों में ‘प्राचीन’ हिंदू मंदिर मिलने का सिलसिला जारी है और पिछले एक सप्ताह में करीब आधा दर्जन मंदिर ‘खोजे’ जा चुके हैं। इसी बीच भगवा कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को लखनऊ में एक और ‘प्राचीन’ मंदिर मिलने का दावा किया है।
गुरुवार को भगवा कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में राज्य विधानसभा भवन के पास एक परिसर के तहखाने में ‘प्राचीन’ राधा-कृष्ण मंदिर मिलने का दावा किया। इस परिसर का निर्माण एक मुस्लिम ने कराया था। उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर के मालिकों ने मंदिर को ‘छिपाने’ की कोशिश की।
भगवा नेता और ब्राह्मण संसद के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा ने यहां लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के अधिकारियों से मुलाकात की और परिसर का नक्शा रद्द करने की मांग की। मिश्रा ने कहा, ‘‘हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते यह 18वीं सदी का मंदिर है हमें वहां पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिए और परिसर को ध्वस्त किया जाना चाहिए।’’
यह सब संभल शहर के एक मुस्लिम इलाके में एक ‘प्राचीन’ शिव मंदिर की कथित ‘खोज’ से शुरू हुआ, जहां कुछ दिन पहले एक मस्जिद के न्यायालय द्वारा आदेशित सर्वेक्षण के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी जिसमें चार लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने कई ‘प्राचीन’ मंदिरों, कुओं और अन्य धार्मिक स्थलों का सर्वेक्षण किया था।
अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, वाराणसी, अमेठी और कानपुर में भगवा कार्यकर्ताओं द्वारा इसी तरह के ‘प्राचीन’ मंदिरों का ‘खोज’ किए जाने का दावा किया गया था, जो ज्यादातर मुस्लिम बहुल इलाकों में थे।