मेरठ न्यूज़: लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव व मेरठ जनपद के नोडल अधिकारी नरेन्द्र भूषण का शनिवार को मेरठ का प्रस्तावित दौरा निरस्त हो गया। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही जनपदीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली और विभिन्न योजनाओं का हाल जाना तथा अधिकारियों से भी कई सवाल किए। शासन द्वारा मेरठ के नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त नरेन्द्र भूषण को शनिवार को मेरठ आना था। चूंकि वो जनपदीय नोडल अधिकारी होने के साथ साथ पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव भी हैं लिहाजा उनके आगमन की सूचना के बाद लोक निर्माण विभाग के अधिकारी भी तैयारियों में जुटे हुए थे। हस्तिनापुर का जिन्न पीडब्ल्यूडी विभाग का पीछा नहीं छोड़ रहा है। शनिवार को यदि प्रमुख सचिव मेरठ आते तो उनसे हस्तिनापुर नाव हादसे एवं अभी तक भी एप्रोच रोड पर कोई काम न होने संबंधी सवालों का होना लाजिमी था।
पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रमुख सचिव के दौरे के निरस्त होने के पीछे हस्तिनापुर का जिन्न भी हो सकता है। वीडियो कांफे्रंसिंग में लोक निर्माण विभाग से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर प्रमुख सचिव ने चर्चा की, लेकिन हस्तिनापुर का मुद्दा हॉट रहा। एप्रोच रोड को लेकर भी बाते हुर्इं। निर्देश दिए गए कि जुलाई में जो एप्रोच रोड टूटी थी उस पर दीपावली के बाद काम शुरु किया जाएगा। इस संबध में पीडब्ल्यूडी के स्थानीय अधिकारियों ने भी बताया कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान हस्तिनापुर के एप्रोच रोड का मामला प्रमुखता से उठाया गया। हालांकि बैठक में हस्तिनापुर गंगा पुल के लिए भेजे गए 167 करोड़ के एस्टीमेट पर भी खुलकर चर्चा होनी थी, लेकिन पीडब्ल्यूडी के सूत्रों के अनुसार इस पर विस्तार से कोई चर्चा हुई ही नहीं।
उधर, जिलाधिकारी दीपक मीणा की मौजूदगी में हुई इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर राजीव कुमार व अधीक्षण अभियंता एमसी शर्मा तथा अधिशासी अधिकारी एसके सारस्वत भी मौजूद थे।