इन किसानों को प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी

Update: 2022-07-30 11:10 GMT

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जनता से रिश्ता वेबडेस्क : यूपी के किसानों के लिए बड़ी राहत है। योगी सरकार इन किसानों को प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी कर रही है। दलहनी-तिलहनी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक नई कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके तहत राज्य सरकार खेत की मेड़ पर दलहनी-तिलहनी फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि देगी। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत इस बाबत प्रस्ताव तैयार किया गया है।

कृषि निदेशालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस नई कार्ययोजना से सबसे ज्यादा बुन्देलखंड के किसानों को लाभ होगा क्योंकि दलहनी-तिलहनी फसलों की खेती सबसे ज्यादा बुन्देलखंड में होती है। कार्ययोजना के अनुसार खेत की मेड़ पर दलहनी-तिलहनी फसलों की खेती करने वाले किसानों को 12 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसमें तिल, मूंगफली, राई, सरसों के अलावा अरहर, मूंग, उर्द आदि फसलें शामिल हैं।वर्ष 2021-22 के खरीफ सत्र में प्रदेश में 8.42 लाख हेक्टेयर में दलहन और 4.20 लाख हेक्टेयर में तिलहन की फसलें बोई गई थीं। इस बार खरीफ के प्लान में प्रदेश में 5 लाख 88 हजार में तिलहनी फसल लेने का लक्ष्य रखा गया है। अब इस नई कार्य योजना से तिलहनी फसलों का रकबा और बढ़ाया जाएगा।उधर, देर से मानसून के मेहरबान होने की वजह से इस बार प्रदेश में धान की पैदावार घटने की नौबत आ ग है। राज्य में इस बार 59 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई करने का लक्ष्य तय किया गया था, मगर बाद में मोटे अनाज, दलहन-तिलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए इस रकबे को घटाया गया। अब करीब 57 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई करवाने के प्रयास हो रहे हैं। मगर मानसून के देर से मेहरबान होने की वजह से धान की रोपाई काफी पिछड़ गयी है। अब जो पौध रोपी जा रही है वह वांछित उत्पादन नहीं देगी।
पिछले खरीफ सत्र 2021-22 में प्रदेश में 59.69 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई करवाई गई थी और 159.67 लाख मी.टन धान का उत्पादन हुआ था। इस बार 59 लाख हेक्टेयर के रकबे में 177 लाख टन धान के उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया था। मगर अब बदले हुए हालात में प्रदेश में धान की पैदावार घटने के आसार बन रहे हैं। हालांकि कृषि विभाग के अफसरों का कहना है कि रकबा घटने और मानसून के विलम्ब से मेहरबान होने के बावजूद धान की उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास हो रहे हैं।
source-hindustan


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