Pratapgarh: माफ किए गए चालान पोर्टल से नहीं हटे, लोग हुए परेशान
वाहन ट्रांसफर या बेचने पर उन्हें चालान की जानकारी मिल रही है
प्रतापगढ़: प्रदेश सरकार की ओर से यातायात और परिवहन नियमों के उल्लंघन पर माफ किए गए कई चालान डेढ़ साल बाद भी पोर्टल से नहीं हटे हैं. ऐसे में वाहन मालिक परेशान हैं. वे परिवहन विभाग के चक्कर लगा रहे हैं. लोगों का कहना है कि वाहन ट्रांसफर या बेचने पर उन्हें चालान की जानकारी मिल रही है. इस कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है.
बीते साल सरकार ने वाहन चालकों को बड़ी राहत देते हुए पांच साल के चालान माफ कर दिए थे. इसमें उत्तर प्रदेश में एक जनवरी, 2017 से 31 दिसंबर, 2021 के बीच किए गए चालान निरस्त कर दिए गए थे. यह फैसला विभिन्न अदालतों में लंबित चालान के मामलों और सभी वाहनों पर लागू है. सरकार का यह फैसला उन वाहन स्वामियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया, जो किन्हीं वजहों के कारण चालान नहीं भर सके थे.
सेक्टर-11 निवासी रंजीत ने कहा कि उनका वर्ष 2019 में चालान हुआ था. उन्होंने चालान नहीं जमा किया था. छलेरा निवासी बिट्टू ने कहा कि उनकी गाड़ी का वर्ष 2021 में चालान हो गया था. बाद में पता चला कि सरकार ने इस अवधि के चालान माफ कर दिए. इस कारण चालान नहीं जमा किया था. जब गाड़ी बेचने की प्रक्रिया के लिए परिवहन विभाग पहुंचे तो पोर्टल से चालान न हटने से दिक्कत हुई. सदरपुर निवासी उमेद ने कहा कि मेरी कार का वर्ष 2020 में चालान हुआ था. कुछ समय बाद परिवहन विभाग से जानकारी मिली कि चालान कोर्ट भेज दिया गया है. निजी कारणों से चालान राशि जमा नहीं कर सका. सरकार की ओर से चालान माफ किए जाने की जानकारी मिलने के बाद राहत मिली और एप पर देखा तो चालान डिलीट नहीं हुआ था.
लोगों का कहना है कि जब सरकार ने चालान माफ कर दिए थे तो खुद-ब-खुद चालान परिवहन विभाग को हटा देने चाहिए थे. इसके लिए लोगों से आवेदन लेने की जरूरत नहीं है. एआरटीओ प्रशासन ने कहा कि चालान न हटने की वजह तकनीकी कारण हो सकते हैं. इसकी वजह से लोगों को गाड़ी बेचने में कोई दिक्कत नहीं आएगी. उनके चालान हटा दिए जाएंगे.
यह था आदेश
परिवहन आयुक्त ने सभी एआरटीओ को निर्देश दिया था कि अदालत में संबंधित मामलों की सूची प्राप्त कर इन चालानों को पोर्टल से डिलीट कर दिया जाए. सरकार के आदेश से पहले नोएडा में किसानों ने चालान निरस्त करने को लेकर धरना भी दिया था. योगी सरकार के इस फैसले से किसानों के साथ ही अन्य लाखों लोगों को राहत मिली.
पीड़ितों से आवेदन मांगे
एआरटीओ प्रशासन डॉ. सियाराम वर्मा ने कहा कि पांच साल की अवधि के लगभग सभी चालान पोर्टल से डिलीट कर दिए गए थे. कुछ लोग चालान नहीं हटने की जानकारी देने परिवहन विभाग पहुंचे हैं. किन्ही कारणों से जिन लोगों के चालान नहीं हटे हैं, वे एक सादे कागज पर आवेदन परिवहन विभाग में दे दें. इसमें अपना मोबाइल नंबर जरूर लिखें.