Pratapgarh: कमिश्नेरट पुलिस ने एक साल में 168 साइबर जालसाजों पर शिकंजा कसा

"लोगों से ठगे गए 21 करोड़ रुपये की रकम फ्रीज कराई गई"

Update: 2025-01-08 05:45 GMT

प्रतापगढ़: नगर जिले में इस साल 20 तक औसतन हर रोज साइबर ठगी का एक मुकदमा दर्ज हुआ. दूसरी ओर, कमिश्नेरट पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 168 जालसाजों को गिरफ्तार किया. साथ ही लोगों से ठगे गए 21 करोड़ रुपये की रकम फ्रीज कराई गई. पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कहा कि साइबर अपराधियों के खिलाफ विशेष टीम गठित कर कार्रवाई तेज की गई है.

गौतमबुद्ध नगर में 12 माह के दौरान करीब तीन सौ से अधिक साइबर ठगी की घटनाएं दर्ज की गईं. इसमें भी सबसे ज्यादा ठगी शेयर बाजार और आईपीओ में निवेश के नाम पर हुई. इसके अलावा फेडेक्स के नाम पर डिजीटल अरेस्ट की भी अनेक घटनाएं सामने आईं. इन घटनाओं का शिकार होने वाले लोगों से बड़े पैमाने पर ठगी की गई.

इसके अलावा ओटीपी की धोखाधड़ी, गूगल पर फर्जी नंबर डालकर और कंपनी का डाटा हैक कर और नौकरी के निवेश के नाम पर भी लोगों को ठगा गया. पुलिस रिकार्ड के अनुसार इन घटनाओं में लोगों से ठगे गए 20 करोड़ 86 लाख 57 हजार 850 रुपये सीज कराए गए और 168 अपराधियों को देश के विभिन्न राज्यों पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, दिल्ली आदि से गिरफ्तार किया गया.

कंबोड़िया में बने हैं ठगी के कॉल सेंटर: पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार कंबोडिया इन दिनों साइबर ठगी का सबसे बड़ा केन्द्र बना है. जहां पर बड़े-बड़े कॉल सेंटर बने हैं, जहां से निवेश के नाम पर , जॉब के नाम पर, ट्रेडिंग के नाम पर , डिजीटल अरेस्ट के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा है.

इसके लिए बकायदा भारत से जॉब के नाम पर ले जाये गये लोगों को ही कॉलिंग पर लगाया जाता है. उन्हें भाषा के आधार पर ठगी की जिम्मेदारी देते हैं. यानि यदि कोई व्यक्ति महाराष्ट्र का है तो उससे मराठी भाषा में महाराष्ट्र के लोगों से ठगी कराते हैं. यदि कोई गुजरात से है तो गुजराती भाषा का प्रयोग करके वह ठगी करता है. इसके लिए उसे प्रशिक्षण भी दिया जाता है ताकि बातचीत के दौरान उसे पता रहे कि किन-किन बिंदुओं पर बात करनी, ताकि वह पकड़ में न आ सके.

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