मेरठ: सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए 15 दिन की और मोहलत दिए जाने के बावजूद नगर निगम के अधिकारियों को मुख्यमंत्री के अभियान की कोई फिक्र नहीं है। नगर निगम के अपने दावों के अनुसार 44 किमी सड़क को गड्ढा मुक्त कर लिया गया है। यह अलग बात है कि नगर क्षेत्र से जिधर से गुजरिये, हर सड़क पर गड्ढे आज भी नगर निगम के दावों की पोल खोलते नजर आते हैं। यहां तक कि दो दिन पहले जिस विक्टोरिया पार्क में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सब कुछ चाक चौबंद दिखाने में निगम के अधिकारियों का लश्कर दिन भर मौजूद रहा, वहां के रोड पर आज भी गड्ढे दिखाई दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले 15 नवंबर तक सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए निर्देश जारी किए थे। इस अवधि को बाद में बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया था। सीएम के इस प्राथमिकता वाले अभियान को नगर निगम से कितनी गंभीरता से लियाÑ इसका जायजा लेने के लिए जनवाणी की टीम ने कुछ क्षेत्रों में भ्रमण किया। छिपी टैंक स्थित शिव चौक पर आरजी कालेज से चेतन कांप्लेक्स की ओर बड़ा गड्ढा साफ दिखाई दिया। यहां से कचहरी की ओर चलते समय आवास श्रीमती रेनु गुप्ता पार्षद नगर निगम का बोर्ड दिखाई दिया, जिसके सामने बने गड्ढे ने नगर निगम के दावों की पोल खोलकर रख दी। लोगों ने बताया कि इस गड्ढे की बजरी से दुपहिया वाहन चालक हादसों का शिकार होते रहते हैं। इसी रोड पर मेन हॉल के चारों ओर बने गड्ढे हादसों को दावत देते नजर आए। साकेत गोल मार्केट, साकेत चौराहा, ऊर्जा निगम की ओर जाने वाले रोड पर मेन हॉल के गहरे गड्ढे आए दिन वाहनों के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं।
लेकिन नगर निगम के अधिकारियों की निगाह में यहां कोई गड्ढा ही नहीं है। इसी तरह पेट्रोल पम्प के बराबर से गन्ना भवन की ओर जाने वाले रोड पर जगह जगह गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं। इसके अलावा महानगर के कई प्रमुख स्थानों पर जनवाणी की टीम को छोटे-बड़े ऐसे कितने ही गड्ढे दिखाई दिए, जिनको भरकर राहगीरों को हादसे से सुरक्षित किए जाने की तत्काल आवश्यकता है। इस बारे में पूछने पर मुख्य अभियंता निर्माण यशवंत कुमार का कहना है कि नगर निगम की ओर से अभी तक 44 किमी रोड के अंतर्गत आने वाले गड्ढों को भरा गया है। इनमें कितना खर्च आया है, इस सवाल पर उनका कहना था कि अभी ठेकेदारों के जरिये काम कराया गया है, जिनका भुगतान बाद में किया जाएगा।
वहीं अधीशासी अभियंता विकास कुरील ने इससे इतर कहा कि दो करोड़ रुपये से अधिक की लागत से गड्ढों को भरने का काम करा लिया गया है। उनका दावा है कि नगर क्षेत्र के अधिकतर गड्ढों को भर दिया गया है। इस काम के लिए जो मापदंड तय किए गए हैं, उनके अनुसार एक फुट से लेकर दो मीटर से कम के गड्ढों को भरा गया है। इससे बड्े गड्ढों को सड़क मरम्मत के काम में शामिल किया जाता है। यह काम साल भर चलता रहता है।