Lakhimpur Kheri: खेत में लाही काटने गए किसान को तेंदुए ने मार डाला

"ग्रामीणों में आक्रोश"

Update: 2025-02-07 10:31 GMT

निघासन: डीह गांव में खेत पर लाही काट रहे किसान पर तेंदुए ने हमला कर उसकी जान ले ली। इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और शव का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने पीड़ित परिवार को 30 लाख रुपये मुआवजा, सरकारी नौकरी देने और जंगल के चारों ओर तारबंदी करने की मांग उठाई। काफी देर तक चले विरोध के बाद रेंजर गजेंद्र सिंह ने मुआवजा दिलाने और तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजड़ा लगाने का लिखित आश्वासन दिया, तब जाकर ग्रामीण शांत हुए और पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू हो सकी।

गन्ने के खेत में तेंदुए ने किया हमला: डीह गांव के निवासी मनोज ने बताया कि उनके पिता नंदकिशोर (49) गुरुवार सुबह करीब 8 बजे अपनी पत्नी माता शांति के साथ खेत में लाही काटने गए थे। उसी दौरान गन्ने के खेत में छिपे तेंदुए ने अचानक हमला कर दिया और गर्दन पकड़कर उन्हें घसीटते हुए गन्ने के खेत में ले जाने लगा। इसी बीच, खेत में लगे तार में नंदकिशोर फंस गए। शोर मचाने पर पड़ोस के खेत में काम कर रहे लोग मौके पर पहुंचे, जिससे तेंदुआ उन्हें छोड़कर भाग गया।

घटना की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्र हो गए। वन विभाग और पुलिस ने गन्ने के खेत को घेर लिया, लेकिन तेंदुआ नहीं मिला। गुस्साए ग्रामीणों ने मांग की कि तेंदुए को जल्द से जल्द पकड़ा जाए, अन्यथा वे आंदोलन करेंगे।

मुआवजे और सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन: किसान यूनियन के पदाधिकारी और पीड़ित परिवार खेत में धरने पर बैठ गए। उन्होंने 30 लाख रुपये मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और जंगल के चारों ओर तार लगाने की मांग की। मौके पर पहुंचे रेंजर गजेंद्र सिंह वनकर्मियों और पुलिस बल के साथ ग्रामीणों को समझाने का प्रयास करते रहे, लेकिन वे नहीं माने। अंततः रेंजर ने लिखित आश्वासन दिया, तब जाकर ग्रामीण शांत हुए और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू हो सकी।

लेखपाल को ग्रामीणों ने दौड़ाया, रेंजर की गाड़ी रोकी: तेंदुए को पकड़ने में हो रही देरी से नाराज ग्रामीणों ने रेंजर की गाड़ी रोककर नारेबाजी की। वहीं, लेखपाल के बयान से भड़के ग्रामीणों ने उसे दौड़ा लिया और "लेखपाल मुर्दाबाद" के नारे लगाए। ग्रामीणों ने लेखपाल को हटाने की मांग की। तहसीलदार भीमचंद्र गौतम के लेखपाल का सर्किल बदलने के आश्वासन के बाद लोग शांत हुए।

वन विभाग ने घटना स्थल पर पिंजड़ा और जाल लगाया है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि तेंदुआ अब भी आसपास मंडरा रहा है।

दो दिन में तीसरी घटना, दहशत में ग्रामीण

क्षेत्र में तेंदुए का आतंक बढ़ता जा रहा है। पिछले दो दिनों में तीन घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे ग्रामीणों में भय व्याप्त है।

मंगलवार शाम को पुरानी पचपेड़ी गांव में प्रियंका (पुत्री नरेश) पर तेंदुए ने हमला किया।

बुधवार को अदलाबाद गांव के नरेश (60) पर हमला हुआ। तेंदुए ने उनकी गर्दन पकड़ ली थी। घायल नरेश को जिला अस्पताल रेफर किया गया है।

गुरुवार को नंदकिशोर की मौत हो गई।

वन विभाग की निगरानी जारी

रेंजर गजेंद्र सिंह ने बताया कि वन विभाग की टीम लगातार तेंदुए की निगरानी कर रही है, लेकिन वह बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहा है। पिंजड़ा लगाया जा चुका है, और प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द तेंदुए को पकड़ा जाए।

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