दरअसल चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और बिहार राज्यों की विधान परिषद और लोकसभा सीटों पर उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया है. इसमें उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 13 सीटों पर 20 जून को और लोकसभा की दो सीटों रामपुर और आजमगढ़ में 23 जून को मतदान होगा. जबकि वोटों की गिनती 26 जून को होगी। चुनाव आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा की रिक्त सीटों के लिए 6 जून को नामांकन दाखिल किए जाएंगे और 7 जून को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. जबकि 9 जून को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि होगी और मतदान 23 जून को होगा और मतगणना 26 जून को होगी. गौरतलब है कि आजमगढ़ लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और रामपुर सीट से सपा नेता आजम खान ने इस्तीफा दिया था और विधानसभा चुनाव में दोनों नेता जीत दर्ज कर विधायक बने थे.
विधान परिषद की 13 सीटों पर भी होंगे चुनाव
राज्य के विधान परिषद की रिक्त सीटों के लिए भी चुनाव की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने किया है. इसके तहत परिषद के लिए नामांकन 2 जून और नामांकन के लिए 9 जून अंतिम तिथि तय की गई है. जबकि 10 जून को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और 13 जून को नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि होगी. विधान परिषद की सीटों के लिए 20 जून को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग होगी और इसी दिन मतगणना के बाद परिणाम घोषित किया जाएगा. फिलहाल विधान परिषद की ज्यादातर सीटें बीजेपी के खाते में आने की संभावना है.
सियासी दलों की लोकसभा उपचुनाव में दिखेगी ताकत
राज्य में लोकसभा की जिन दो सीटों पर उपचुनाव हो रहा है. ये दोनों ही सीटें अभी तक समाजवादी पार्टी के पास हैं और इन दोनों समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है. रामपुर में आजम खान सपा के मजबूत नेता माने जाते हैं जबकि आजमगढ़ में मुलायम सिंह के बाद अखिलेश यादव सांसद बने थे. विधानसभा चुनाव में भी सपा ने यहां पर सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी. जबकि राज्य में वर्तमान में बीजेपी की सरकार है और इस बार मुख्य मुकाबल सपा और बीजेपी के बीच ही माना जा रहा है. बीजेपी इन दोनों सीटों पर जीत की रणनीति बना रही है और जबकि सपा इन दोनों को बचाने की कोशिश में है. किसी भी दल की हार जीत बड़े सियासी संदेश देगी.