Pilibhit: अज्ञात कारणों से मकान में लगी आग, मचा हड़कंप

Update: 2024-11-24 11:56 GMT
Pilibhit पीलीभीत : सपा नेत्री के मकान की ऊपरी मंजिल पर अज्ञात कारणों के चलते आग लग गई। पड़ोसियों ने आग की लपटें उठती देखी तो हड़कंप मच गया। इसके बाद एकजुट होकर स्थानीय लोगों ने बमुश्किल आग पर काबू किया। हादसे में करीब दो लाख के नुकसान का अनुमान लगाया है। वहीं, सपा नेत्री की ओर से पुलिस को तहरीर दी गई है। जिसमें रंजिशन आग लगाए जाने की आशंका जताई है।
शहर के मोहल्ला डालचंद के रहने वाली सपा नेत्री डिंपल गौड़ अपने पुत्र सक्षम, पुत्रवधू और पौत्र के साथ मकान में थी। शनिवार रात को करीब 11 बजे सभी परिवार वाले निचले पोरसन में बने कमरों में खाना खाकर सो गए। देर रात किसी वक्त ऊपरी मंजिल पर आग लग गई। कुछ ही देर में आग बढ़ती चली गई। मकान के सामने रहने वाले दयाशंकर ने की आंख रविवार तड़के करीब तीन बजे खुली तो आग की लपटें उठती देख उनके होश उड़ गए।
उन्होंने शोर मचाकर पीड़ित परिवार और आसपास के लोगों को जमा किया। इसके बाद एकजुट होकर पड़ोसियों ने अपने घर पर लगे पानी के टैंक से निकालकर पानी डालना शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए थे। पीड़ित परिवार ने यूपी 112 पर कॉल करने का प्रयास किया। आरोप है कि कई बार नंबर डायल करने के बाद भी कॉल नहीं लग रही थी। इसके बाद कोतवाली जाकर पुलिस को सूचना दी।
इधर, आसपास के लोगों ने बमुश्किल एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू किया।हालांकि तब तक ऊपरी हिस्से पर बने कमरे में रखा संदूक, वाशिंग मशीन, एसी, जेवर, नकदी, आवश्यक कागजात, बिस्तर, कपड़े समेत दो लाख कीमत का सामान पूरी तरह से जल चुका था। सपा नेत्री का कहना है कि उनको शक है कि आग लगी नहीं बल्कि रंजिशन लगाई गई है। आग का आलम ये था कि आसपास के घरों की छतों पर रखे पानी के टैंक भी आग की चपेट में आ गए।
सीसीटीवी कैमरे से खुलेंगे राज
सपा नेत्री के मकान में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। उनको शक है कि किसी ने उनके मकान के ऊपरी हिस्से में आग लगा दी है। ऐसे में अब घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चेक कराई जाएगी। इसके लिए कैमरा संचालन वालों से भी परिवार ने संपर्क किया है। दूसरे दिन रविवार को भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचकर हादसे की जानकारी करते रहे।
कोतवाल बोले-मेरे संज्ञान में नहीं
इस मामले में सपा नेत्री का कहना था कि उनके द्वारा कोतवाली में तहरीर दे दी गई है। जांच कराकर कार्रवाई की मांग भी की गई। उधर, कोतवाल राजीव कुमार सिंह प्रकरण से ही अंजान दिखे। उनका कहना था कि इस तरह की कोई सूचना उन्हें नहीं मिली है। हो सकता है कि कार्यालय में तहरीर दी गई हो, इसे दिखवाया जाएगा।
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