यूपी के लोगो को लग सकता है महंगी बिजली का झटका, जून-जुलाई में लागू हो सकती हैं नई दरें

उत्तर प्रदेश में जल्द ही बिजली की दरों में इजाफा हो सकता है.

Update: 2022-04-03 06:26 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में जल्द ही बिजली की दरों में इजाफा (electricity rates will be expensive in UP) हो सकता है. बताया जा रहा है कि सिंचाई को छोड़कर, घरेलू सहित सभी श्रेणियों के लिए बिजली की दरों राज्य सरकार इजाफा कर सकती है. हालांकि ये इजाफा कितना होगा. इसको लेकर फैसला नहीं हुआ है. लेकिन माना जा रहा है कि बिजली दरों में वृद्धि तय है और बढ़ी हुई दरें जून से लागू हो सकती हैं. असल में विद्युत नियामक आयोग के पास चालू वित्त वर्ष-2022-23 के लिए बिजली कंपनियों ने बिजली की कीमतों को बढ़ाने के लिए प्रस्ताव दिया था.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंपनियों का कहना था कि राज्य में बिजली की आपूर्ति के लिए वर्तमान 65 हजार करोड़ रुपये से लगभग 1.20 लाख मिलियन यूनिट खरीदी जानी है और इसके कारण कंपनियों को 6,700 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. वहीं आयोग ने कंपनियों से विभिन्न श्रेणीवार श्रेणियों के लिए प्रस्तावित बिजली दरों की रिपोर्ट दलब की थी. ताकि बिना किसी अंतर के सब्सिडी की भरपाई की जा सके.
जून या जुलाई में लागू हो सकती हैं नई दरें
जानकारी के मुताबिक आयोग ने कंपनियों को आदेश दिया है कि वे राजस्व अंतर को शून्य बताते हुए बिना सब्सिडी के बिजली टैरिफ प्रस्ताव दें. इस पर बिजली कंपनियों के प्रस्ताव आयोग प्रस्ताव को स्वीकार करेगा और दरों को अंतिम रूप देने के लिए जनसुनवाई भी करेगा. अगर आयोग बिजली कंपनियों के प्रस्ताव को स्वीकार करता है तो स्वीकृति की तारीख से अधिकतम 120 दिनों की अवधि के भीतर टैरिफ लागू करने जरूरी होंगे. लिहाजा ये माना जा रहाहै कि आयोग की अनुमति मिलने के बाद बिजली की नई दरें जून या जुलाई से लागू हो सकती हैं.
बीजेपी ने किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का किया है वादा
राज्य में हुए चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 में किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का वादा किया था. लिहाजा सरकार अपने वादे को 100 दिनों के भीतर पूरा करना चाहती है. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार सिंचाई बिजली फ्री करने के लिए सब्सिडी दे सकती है. जानकारों का कहना है कि राज्य में किसानों को मुफ्त बिजली देने पर सरकार को 2,000 करोड़ रुपये की वार्षिक सब्सिडी देनी होगी. वहीं सरकार पहले से ही अन्य श्रेणियों के लिए करीब 11,650 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रही है.
बिजली कर्मी कर रहे घर में मीटर लगाने का विरोध
फिलहाल आयोग ने बिजली कंपनियों से बिजली कर्मियों के घरों पर मीटर नहीं लगाने को लेकर जबाव देने को कहा है. हालांकि आयोग हर बिजली कर्मी के घरों पर मीटर लगाने का आदेश पहले दे चुका है और विद्युत विभाग के कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं. वहीं आयोग ने एक बार फिर इसके लिए पावर कॉरपोरेशन से जवाब मांगा है.
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