नोएडा न्यूज़: समय पर रजिस्ट्री (लीज डीड) नहीं कराने और निर्माण में देरी होने पर अब पहले से कम जुर्माना देना पड़ेगा. यमुना प्राधिकरण अभी वर्ष के आधार पर जुर्माना तय करता है. अब महीने के आधार पर माहवार जुर्माना वसूल करेगा. पहली अप्रैल से यह प्रभावी हो जाएगा. इससे 30 हजार से अधिक आवंटी लाभांवित होंगे.
यीडा तय समय पर रजिस्ट्री नहीं कराने पर जुर्माना लगाता है. संपत्ति की रजिस्ट्री के बाद निर्माण करने का समय तय होता है. अगर तय समय पर निर्माण नहीं कराया या फिर समय बढ़वाना चाहते तो हैं इस पर भी जुर्माना वसूल किया जाता है. अगर आप तय समय के दस दिन भी रजिस्ट्री या निर्माण कार्य करते हैं तो आपको पूरे वर्ष का जुर्माना देना पड़ेगा.
संपत्ति की रजिस्ट्री देर होने पर पहले साल आवंटन राशि का एक प्रतिशत जुर्माना लिया जाता है. यह जुर्माना हर साल एक प्रतिशत बढ़ता जाता है. अगर आप निर्माण कार्य का समय बढ़वाना चाहते हैं तो आपको आंवटन राशि का चार प्रतिशत हर वर्ष जुर्माना देना पड़ेगा. यीडा ने इस नियम में बदलाव किया है. प्राधिकरण ने आवंटियों को राहत देने का फैसला लिया है.
यीडा अब साल के हिसाब से नहीं बल्कि माहवार जुर्माना लगाएगा. अगर आप रजिस्ट्री कराने में 10 दिन लेट होते हैं तो आपको एक साल के बजाय सिर्फ एक महीने का ही जुर्माना देना होगा. यही नियम निर्माण कार्य में समय बढ़ोतरी पर भी लागू होगा. इससे यमुना प्राधिकरण के 30,000 से अधिक आवंटियों को फायदा मिलेगा. एक अप्रैल से यह नियम लागू हो जाएगा. प्राधिकरण के आवंटन के अलावा बिल्डर परियोजनाओं में भी यही नियम लागू होगा. दोनों कामों में देरी होने पर प्राधिकरण बिल्डर से यह जुर्माना वसूलता है. बिल्डर यह पैसा आंटियों से लेता है. इसका फायदा बिल्डर के आवंटियों को भी मिलेगा.
एनआरआई को भी राहत यीडा के बहुत सारे आवंटी एनआरआई भी हैं. उनके पास आधार कार्ड नहीं होता है. ऐसे में संपत्ति ट्रांसफर में परेशानी का सामना करना पड़ता है. प्राधिकरण ने इस परेशानी को भी दूर कर दिया है. एनआरआई आवंटी ओवरसीज नंबर और सोशल सिक्योरिटी नंबर देकर संपत्ति ट्रांसफर करा सकते हैं.
इसे इस तरह समझें
अगर आपका भूखंड 100 वर्ग मीटर का है और इसकी कीमत 20 लाख रुपये है तो तय समय 10 दिन के बाद रजिस्ट्री कराने पर अभी 20 हजार रुपये जुर्माना देना पड़ता है. नये नियमों के मुताबिक आवंटी को सिर्फ 1666 रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा. वहीं, अगर आवंटी पहले महीने में जुर्माना नहीं दे सका तो अगले महीने में यह राशि बढ़कर 3332 रुपये हो जाएगी. यानी पहले पूरे एक साल का जुर्माना लिया जाता है, लेकिन एक अप्रैल से महीने के अनुसार जुर्माना लिया जाएगा.
यूपीसीडा पहले लागू कर चुका है नियम
यीडा ने जुर्माना वसूली में जो बदलाव किया है, उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने इसे दो साल पहले ही लागू कर कर दिया था. वहां साल के बजाय महीने के अनुसार जुर्माना वसूल किया जाता है. यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक अनिल शर्मा ने बताया कि जुलाई 2021 में इस नियम को लागू कर दिया गया है. आवंटी इसका लाभ ले रहे हैं. अब माहवार जुर्माना तय किया जाता है.
बिना केवाईसी हस्तांतरण के लिए आवेदन होगा
संपत्ति हस्तांतरण कराने से पहले यीडा में आवंटी को पहले केवाईए (नो योर अलाटी) कराना पड़ता है. इसके जरिए आवंटी का सत्यापन होता है. संपत्ति हस्तांतरण से पहले इस प्रक्रिया को कराने में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता था. इसको देखते हुए यीडा ने नियम में बदलाव किया है. अब बिना केवाईए कराए ही संपत्ति ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इससे आवंटी का समय बचेगा और प्रक्रिया आसान हो जाएगी.
समय पर रजिस्ट्री नहीं कराने और निर्माण में देरी होने पर अब पहले से कम जुर्माना देना पड़ेगा. यमुना प्राधिकरण अभी वर्ष के आधार पर जुर्माना तय करता है. अब वह महीने के अनुसार जुर्माना वसूल करेगा. -डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण