Mathura: सात हजार से अधिक झुग्गियों में दो लाख की आबादी, नगर निगम हुई सख्त

नगर निगम की ओर से सभी आठों जोनों में करवाए गए सर्वे से पता चला

Update: 2025-01-16 08:09 GMT

मथुरा: शहर में कूड़े के काले कारोबार का मामला सामने आने के बाद इस धंधे से जुड़े कथित बांग्लादेशियों को लेकर जहां नगर निगम की ओर से सख्ती हो रही है वहीं हाल-फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से इस दिशा में कोई पहल नजर नहीं आ रही है. नगर निगम की ओर से सभी आठों जोनों में करवाए गए सर्वे से पता चला है कि खाली प्लाटों पर अवैध रूप से सात हजार से अधिक झुग्गियां बसी हुई हैं. इसमें दो लाख से अधिक की बसावट है. असमियों के नाम पर अब इसमें कितने बांग्लादेशी और रोहिंग्या रह रहे हैं, यह जांच का विषय है.

जोन सात में पिछले रविवार को नगर निगम की टीम पर बांग्लादेशियों के हमले के बाद से ही मेयर सुषमा खर्कवाल ने शहर को इनके खतरे से बचाने के लिए लड़ाई अभियान छेड़ दिया है. बताते हैं कि अब तक की पड़ताल से पता चला है कि आठों जोनों में सात हजार से अधिक झुग्गियों की बस्ती है. इसमें दो लाख से अधिक लोगों की बसावट है. यहां रहने वाले नगर की सफाई व्यवस्था के साथ तो जुड़े ही हैं, निजी अस्पतालों और सहित अन्य प्रतिष्ठानों में भी सफाई आदि का कार्य करते हैं. इसमें से कई सब्जी का ठेला भी लगाते हैं. घरों में भी सफाई कार्य करते हैं.

अभी नहीं रोका तो खतरा बनेंगे बांग्लादेशी: मेयर

लखनऊ. यदि बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को अभी नहीं रोका गया तो आने वाले वर्षों में यह लखनऊ के लिए खतरा बनेंगे. नगर निगम की टीम जोन सात में खाली प्लाटों पर बनी झुग्गियों में रहने वालों का सर्वे कर रही है. वहां जो भी बांग्लादेशी और रोहिंग्या मिलेगा, उसे प्रशासन की मदद से बाहर किया जाएगा. यह बात मेयर सुषमा खर्कवाल ने नगर निगम में पत्रकारों से कही. मेयर ने कहा कि तीन दशक पहले चंद संख्या में बांग्लादेशी हमारे शहर में आए. अब इनकी संख्या बढ़ कर दो लाख के आसपास हो गई है. यदि इन्हें अभी नहीं रोका गया तो आने वाले 10-15 सालों में यह शहर के लिए खतरा होंगे.

नगर निगम में घुसपैठ की जांच होगी

एक सवाल के जवाब में मेयर ने कहा कि यदि झोपड़ी संख्या के आधार पर नगर निगम से बांग्लादेशियों को जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं तो इसकी जांच करवाई जाएगी. जो भी इसमें दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. झोपड़ियों को पानी और बिजली कनेक्शन कैसे दिए गए, इसकी भी जांच करवा रही हूं. इस मामले में नगर आयुक्त का कहना है कि ऐसे लोगों के पास मिलने वाली आईडी को क्रास चेक कराया जाएगा.

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