उत्तर प्रदेश की राजनीति दिलचस्प रही है। इन सब के बीच विपक्षी दलों की बैठक पर लगातार हो रही है। भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने की बात कही जा रही है। विपक्ष की अगली बैठक से 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में होगी। भाजपा लगातार दावा कर रही है कि बैठक तो कर रहा है लेकिन यह तो बताए कि उसका प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा। इन सब के पीछे सुहेलदेव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बड़ी बात कही है। उन्होंने मायावती को पीएम पद के लिए आगे करने की मांग की है। साथ ही साथ यह भी कह दिया है कि अखिलेश यादव अकेले भाजपा से मुकाबला नहीं कर सकते।
ओम प्रकाश राजभर का बयान
अपने बयान में ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि बसपा प्रमुख मायावती कुशल शासक रही हैं 13 प्रांतों में उनकी पार्टी का जनाधार है और देश में वे एक बड़ा चेहरा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को मायावती को प्रधानमंत्री का चेहरा मानकर उनको मना लेना चाहिए। जब तक उनको साथ नहीं लेंगे तब तक यहां (यूपी) चाहे ममता बनर्जी, केसीआर, लालू यादव या चाहे कोई भी आ जाए..यूपी में कोई मतलब नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मतलब अगर है तो पश्चिम में जयंत चौधरी, पूर्व में ओम प्रकाश राजभर और पूरे प्रदेश में 80% लोकसभा सीट का मतलब है तो बहुजन समाज पार्टी से है इन तीनों के बगैर विपक्षी एकता बेकार है।
अकेले सपा बीजेपी से नहीं कर सकती मुकाबला'
ओम प्रकाश राजभर ने यह भी कहा कि अगर अखिलेश यादव को चुनाव जीतना है तो जयंत चौधरी,ओम प्रकाश राजभर और मायावती को साथ लेकर लड़ेंगे तभी सफलता मिलेगी वरना नहीं मिलेगी। अकेले सपा का बीजेपी से कोई मुकाबला नहीं है। इससे पहले उन्होंने यह भी कहा था कि महाराष्ट्र ही नहीं उत्तर प्रदेश में भी बड़ी हेरफेर होने वाली है। समाजवादी के कई विधायक और सांसद दल छोड़कर कुछ सरकार के विस्तार में शामिल होना चाहते हैं, कुछ हैं जो लोकसभा का टिकट चाहते हैं वे दिल्ली तक अपना जुगाड़ बिठा रहे हैं। वे अखिलेश यादव के रवैये से नाराज़ हैं।