Noida: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को एफएनजी का काम सौंपने की तैयारी

हरियाणा सरकार अपने स्तर से भी इसको बनाने की तैयारी में जुटी

Update: 2024-12-16 07:06 GMT

नोएडा: फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद एक्सप्रेसवे यानि एफएनजी बनाने का जिम्मा एक बार फिर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को देने के प्रयास शुरू हो गए हैं. इसके लिए इस बार उत्तर प्रदेश के बजाए हरियाणा सरकार ने प्रयास शुरू किए हैं. हरियाणा सरकार अपने स्तर से भी इसको बनाने की तैयारी में जुटी है.

नोएडा और हरियाणा सरकार के पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के बीच को हुई बैठक में एनएचएआई को एफएनजी बनाने का जिम्मा देने के संकेत सामने आए हैं. बैठक में यमुना पर बनने वाले पुल और उसको जोड़ने वाली सड़क के अलाइनमेंट को लेकर चर्चा की गई. हरियाणा के अधिकारियों ने बताया कि यमुना पर बनने वाले पुल समेत अन्य काम की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है. इसको मंजूरी के लिए भेजा गया है. इसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी. यमुना पर बनने वाला पुल जमीन से करीब 14 मीटर की ऊंचाई पर होगा. इसको जोड़ने वाली सड़क की ऊंचाई भी काफी होगी.

यमुना पर बनने वाले पुल पर 200 से 250 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है. इस खर्चे को नोएडा और हरियाणा सरकार आधा-आधा वहन करेंगे. यह पुल फरीदाबाद के लालपुर गांव के पास जुड़ेगा. पुल के अलावा एफएनजी के लिए फरीदाबाद क्षेत्र में सड़क बनाने के लिए किसानों से काफी जमीन लेनी है. नए कानून के तहत किसानों से जमीन लेने में सरकार पर अधिक आर्थिक भार पड़ेगा. अभी फरीदाबाद की तरफ एफएनजी को लेकर कोई काम नहीं हुआ है. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो ऐसे में हरियाणा सरकार ने यह परियोजना को फिर से एनएचएआई के हवाले करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं ताकि परियोजना पूरी हो सके.

एक बार प्रस्ताव ठुकराया: नोएडा प्राधिकरण के प्रस्ताव पर बीते वर्षों में यूपी सरकार ने एनएचएआई को एफएनजी का काम देने के प्रयास किए थे. इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र भी भेजे गए. एक बार एनएचएआई की टीम आई थी, तब तक ईस्टर्न पेरिफेल एक्सप्रेसवे का अधिकांश हिस्सा बनकर तैयार हो गया था. ऐसे में एनएचएआई ने एफएनजी की उपयोगिता से इनकार कर इसको बनाने का जिम्मा लेने से मना कर दिया था.

नोएडा में काफी काम हो चुका: नोएडा क्षेत्र में एफएनजी को लेकर काफी काम हो चुका है. कुछ जगह सड़क बननी बाकी है, जिस पर किसानों से न्यायालय में विवाद चल रहा है. यमुना पुल से सड़क जोड़ने के लिए प्राधिकरण को भी किसानों से जमीन लेनी है, जो आसान प्रक्रिया नहीं है. नोएडा में एक जगह एलिवेटेड रोड, एक फ्लाईओवर और अंडरपास बनना है. इन काम पर दो हजार करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है.

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