Noida: सरकार ने व्यापारियों को टैक्स पर लगे जुर्माने में राहत दी

Update: 2025-01-13 06:43 GMT

नोएडा: देश-प्रदेश के व्यापारियों को सरकार ने बड़ी राहत दी है. वर्ष 2017-20 के दौरान ब्याज और पेनल्टी समाप्ति का रास्ता जीएसटी पोर्टल पर एसएलपी-2 अपलोड होने से साफ हो गया है.

इससे गौतमबुद्ध नगर कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, समेत उत्तर प्रदेश के लगभग ढाई लाख से अधिक व्यापारियों पर बकाया करोड़ों की माफी संभव हो सकेगी. 25 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद वर्ष 17-18, 18-19 और 19-20 के दौरान कानपुर के लगभग 10 हजार समेत प्रदेश के ढाई लाख व्यापारियों पर टैक्स और पेनल्टी लगाई गई थी. इसे लेकर व्यापारियों और विभाग के बीच खूब तनातनी भी हुई.

कारोबारियों के विरोध और आपत्ति के बाद पिछले साल केंद्र सरकार ने बजट में इस अवधि में लगाए टैक्स पर ब्याज और पेनल्टी माफी का वादा किया था. इस दिशा में सरकार ने 29 की रात जीएसटी पोर्टल पर धारा 73 के तहत एसएलपी-2 फॉर्म अपलोड कर दिया.

31 मार्च तक देनी होंगी ये जानकारियां: एसएलपी-2 फॉर्म को जरूरी जानकारियों के साथ 31 मार्च तक व्यापारियों को जीएसटी पोर्टल पर अपलोड करना होगा. इसका लाभ लेने के लिए कई नियमों का पालन करना जरूरी है. व्यापारी को स्पष्ट करना होगा कि ब्याज या पेनल्टी इन तीन सालों में कब की है. इसकी रकम कितनी है. हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है तो इसे वापस लेने का प्रार्थना पत्र फॉर्म के साथ अपलोड करना है. व्यापारी को स्पष्ट करना होगा कि वह ब्याज, पेनल्टी का मामला कोर्ट के माध्यम से नहीं सुलझाने के पक्ष में हैं

जिले के करीब पांच हजार व्यापारियों को लाभ होगा

अपर आयुक्त राज्य कर गौतमबुद्ध नगर चांदनी सिंह ने बताया कि योजना के तहत गौतमबुद्ध नगर में करीब पांच हजार कारोबारियों को इसका फायदा मिलेगा. उन्होंने आगे बताया कि जनपद में एक लाख से अधिक कारोबार पंजीकृत हैं.

इस कदम से फायदा

● विभाग और व्यापारी के बीच विवाद की समाप्त होगा.

● हजारों की संख्या में अपील का बोझ कम होगा.

● ब्याज और पेनाल्टी के तनाव से व्यापारी को राहत मिलेगी.

● सरकार और विभाग के प्रति विश्वास को बढ़ावा मिलेगा.

ऐसे कारोबारी जिनका वित्तीय वर्ष 2017-2020 तक का टैक्स बकाया है, वे आवेदन कर सकते हैं. इसमें बकाए टैक्स पर लगे जुर्माने और ब्याज पर पूरी छूट मिलेगी. इसके लिए कारोबारियों से आवेदन मांगे गए हैं. - चांदनी सिंह, अपर आयुक्त राज्य कर, गौतमबुद्ध नगर

Tags:    

Similar News

-->