Muzaffarnagar: नई मंडी की फर्म चतरसेन अनिल कुमार के जीएसटी में मिला करोड़ों का अंतर
नोटिस हुआ जारी
मुजफ्फरनगर: शहर की गुड मंडी में एक फर्म की मंडी समिति और जीएसटी की डिटेल में करोड़ों का अंतर मिलने का मामला तूल पकड़ गया है। जीएसटी और मंडी के पोर्टल में 91 करोड़ का अंतर मिलने से मामला तूल पकड़ गया है।
गुड़ मंडी में व्यापारियों के बीच चलती गुटबाजी के कारण मंडी समिति द्वारा फर्म को दिए गए नोटिस को हवा मिल गई। मंडी समिति के सचिव ने खुद स्वीकार किया कि व्यापारियों की गुटबाजी के चलते नोटिस का मामला तूल पकड़ गया।
नई मंडी में स्थित गुड मंडी में मैसर्स चतरसेन-अनिल कुमार के नाम से एक फर्म है। व्यापारी अंकित गर्ग द्वारा फर्म का संचालन किया जाता है। यह फर्म जिन आवक पर मंडी शुल्क लगता है उसके साथ-साथ अन्य आवक पर भी कारोबार करती है।
बताया जाता है कि कृषि उत्पादन मंडी उत्पादन समिति के सचिव कुलदीप मलिक ने मैसर्स चतरसेन अनिल कुमार फर्म के द्वारा जीएसटी विभाग में दी गई अपनी बिजनेस डिटेल को ई मंडी पोर्टल अभिलेख से मिलान किया, तो उसमें करोडो रुपये अंतर दिखाई दिया।
कृषि मंडी उत्पादन समिति के सचिव कुलदीप मलिक ने मैसर्स चतरसेन अनिल कुमार फर्म सहित कई अन्य फर्म के जीएसटी और ई मंडी पोर्टल पर दर्ज अभिलेखों में अंतर को देखते हुए सभी को नोटिस दे दिया। मंडी के व्यापारियों के बीच चलती गुटबाजी के चलते मैसर्स चतरसेन अनिल कुमार फर्म का नोटिस किसी ने लीक कर दिया और मीडिया की सुर्खियां बन गया।
दरअसल कृषि मंडी उत्पादन समिति ने साल 2021-22, साल 2022 – 23 तथा साल 2023 – 24 में मैसर्स चतरसेन अनिल कुमार फर्म के जीएसटी और ई मंडी पोर्टल पर दर्ज अभिलेखों में 91 करोड़ 14 लाख 38 हजार 827 रुपए का टर्नओवर में अंतर पाया जिसके चलते मंडी समिति ने मैसर्स चतरसेन अनिल कुमार फर्म को नोटिस दिया और फर्म से इसका जवाब मांगा।
फर्म ने मंडी समिति को 28 नवंबर 2024 को ही जवाब दे दिया जिसमें मैसर्स चतरसेन अनिल कुमार फर्म ने लिखा कि उन्होंने जिस आवक पर मंडी शुल्क लगता है, उसका मंडी शुल्क समय से जमा कर दिया जाता रहा है। जिस 91 करोड़ के टर्नओवर की बात की जा रही है, उसमें मैसर्स चतरसेन अनिल कुमार फर्म ने 5 करोड़ 51 लाख 20 हजार 216 रुपए की चोकर, 13 करोड़ 7 लाख 97 हजार 326 रुपए का बेसन, 18 करोड़ 21 लाख 61 हजार 63 रुपए की चीनी तथा इसके अलावा अन्य आवक भी क्रय विक्रय की है, जिनका मंडी समिति में कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है, इसलिए मंडी के पोर्टल पर उसका उल्लेख नहीं किया है। फ़िलहाल मंडी समिति मामले की जांच कर रही है।