बड़ी बेटी, दामाद व दो नातियों पर हत्या का केस

Update: 2023-05-22 14:08 GMT

प्रतापगढ़ न्यूज़: स्थानीय बाजार में रात वृद्ध की हत्या में कार्रवाई न होने पर दो छोटी बेटियों के साथ स्थानीय लोगों ने सुबह शव अंतिम संस्कार के लिए नहीं उठने दिया. लोग हत्या की एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे. इससे वृद्ध की बेटियों के परिवारवालों में ही विवाद की स्थिति बन गई. फोर्स के साथ पहुंचे सीओ सदर ने कड़े तेवर दिखाने का प्रयास किया लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं हुए. आखिरकार दोपहर में बड़ी बेटी, दामाद और उनके दो बेटों पर हत्या की एफआईआर दर्ज होने के बाद शव अंतिम संस्कार के लिए श्रृंग्वेरपुर ले जाया गया.

जेठवारा बाजार के निवासी रमाकांत पांडेय (70) की रात मौत हो गई. सूचना पर छोटी बेटी शशि पांडेय पहुंची और पिता के साथ रहने वाली बड़ी बहन रेखा पांडेय, उसके पति ओमप्रकाश पांडेय, दो बेटों सुमित व नितिन पर जमीन के लिए हत्या का आरोप लगाने लगी. पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा लेकिन पुलिस के साथ ही साथ गए लोग भी बीमारी से मौत की बात कहते रहे. रिपोर्ट में मौत सिर में चोट से होने की बात सामने आई. शव शाम को बड़ी बेटी रेखा के घर पर रखा गया. सुबह छोटी बेटी शशि के साथ एकं और बहन अनुपम के परिजन और बाजार के कई लोग रेखा के घर पहुंचे और एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग को लेकर शव अंतिम संस्कार के लिए ले जाने से रोक दिया.

जानकारी मिलने पर जेठवारा पुलिस के साथ ही सीओ सदर अमरनाथ गुप्ता भी पहुंच गए. सीओ जांच के बाद एफआईआर की बात कहने लगे लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं हुआ. सीओ और फोर्स बुलाने लगे तो लोग आक्रोशित होकर पीछे न हटने की बात कहने लगे. आखिरकार दोपहर को मृतक की बड़ी बेटी, दामाद और दो नातियों पर हत्या की एफआईआर दर्ज होने के बाद शव अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया. शव के साथ तीनों बेटियों के परिवार वाले श्रृंग्वेरपुर गए.

अनदेखी व मौके पर न आने से भड़के लोग

जेठवारा में वृद्ध की हत्या में एसओ की भूमिका को लेकर लोगों में गहरी नाराजगी दिखी. सीओ सदर के पहुंचने के बाद लोग आरोप लगाने लगे कि पहले भी वृद्ध को पीटकर झाड़ी में फेंका गया था. शिकायत के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. सुबह हत्या की तहरीर देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की. मौके पर आए तक नहीं. बल्कि मीडिया में बयान दिया कि छत से गिरने से उसकी मौत हुई है. जबकि वृद्ध इस कदर अस्वस्थ था कि वह छत पर चढ़ ही नहीं सकता था. हालांकि लखनऊ जाने के कारण एसओ मौके पर नहीं आए. सीओ ने लोगों को एसओ की भी जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिया.

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