यातायात व्यवस्था ध्वस्त करने वाली कंपनी के खिलाफ नगर निगम ने एक और केस दर्ज कराया
सिग्नल कंट्रोलर चोरी करने का मुकदमा दर्ज
गाजियाबाद: ट्रैफिक सिग्नल बंद कर यातायात व्यवस्था ध्वस्त करने वाली कंपनी के खिलाफ नगर निगम ने एक और केस दर्ज कराया है. इसमें कंपनी संचालकों पर ट्रैफिक सिग्नल कंट्रोलर चोरी करने का आरोप लगाया है. उधर, केस दर्ज होने के बाद सिहानी गेट पुलिस ने कंपनी के दफ्तर पर छापा मारा तो चोरी किए गए उपकरण बरामद हो गए. इसके बाद पुलिस कंपनी संचालकों की तलाश में ताबड़तोड़ दबिश दे रही है.
सात को ट्रैफिक सिग्नल अचानक बंद होने से जिले की यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी. इस संबंध में नगर निगम की विज्ञापन प्रभारी पल्लवी सिंह ने आठ को सिहानी गेट थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. उनके मुताबिक मैसर्स शिवशक्ति ड्रीम्स प्राइवेट लिमिटेड नामक फर्म के साथ नगर निगम ने छह वर्ष के लिए बीओटी के आधार पर अनुबंध किया गया था. फर्म द्वारा ट्रैफिक सिग्नल का संचालन करते हुए यूनिपोल पर विज्ञापन का कार्य किया जाता रहा. अनुबंध समाप्त होने पर निगम ने कंपनी को ट्रैफिक सिग्नल हस्तांरित करने के लिए निर्देशित किया, लेकिन कंपनी ने हस्तांतरित करने की बजाय ट्रैफिक सिग्नल बंद कर दिए. पुलिस ने कंपनी संचालक और पार्टनर के तौर पर हरीश शर्मा, गुंजन शर्मा, कपिल मोहन गुप्ता और तरुण शर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया था.
चोरी के दूसरे केस में कंपनी को भी आरोपी बनाया ट्रैफिक सिग्ननल बंद होने के संबंध में नगर निगम की विज्ञापन अधिकारी ने 10 को दूसरा केस दर्ज कराया है. इसमें पूर्व के केस के चार आरोपियों के साथ-साथ मैसर्स शिवशक्ति ड्रीम्स प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपी बनाया है.
कुछ सिग्नल शुरू हुए, बाकी पर परेशानी: शाम तक 58 में से डाबर चौक, कंट्री-इन, वैशाली कट, हापुड़ चुंगी, एसडीएम कंपाउंड, राकेश मार्ग रेड लाइट, रमतेराम रोड, रेलवे स्टेशन, ठाकुरद्वारा और सेठ मुकंदलाल कॉलेज पर लगे ट्रैफिक सिग्नल ही शुरू हो सके, जबकि बाकी स्थानों पर लोगों को जाम के झाम से जूझना पड़ रहा है. अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सभी ट्रैफिक सिग्नल चालू कर दिए जाएंगे. एसीपी नंदग्राम रवि कुमार सिंह का कहना है कि कंपनी के दफ्तर से चोरी के उपकरण बरामद हुए हैं. कंपनी संचालकों की तलाश की जा रही है.