Lucknow: लाखों यूनिट डंप कर जलवा दिए मीटर
"विगत दिनों में डेढ़ हजार से अधिक बिजली मीटर बार-बार खराब हुए"
लखनऊ: भ्रष्टाचार रोकने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए केस्को में डेढ़ महीने से लागू नई व्यवस्था से घपलों की परत खुलने लगी है. मीटर रीडरों की साठगांठ से मीटर खराब करने के बाद नया मीटर बदलकर सबूत मिटाने के मामले पकड़े जाने लगे हैं. केस्को एमडी ने ई-मीटरिंग विभाग, आईटी सेल और टेस्टिंग एंड नेटवर्क एनालिसिस विभाग से ऐसे मामलों को चिन्हित करने को कहा है. विगत दिनों में डेढ़ हजार से अधिक बिजली मीटर बार-बार खराब हुए हैं. एक सप्ताह की जांच में 29 मीटर जलने से खराब मिले. जले हुए मीटरों की मेमोरी निकालकर जांच की गई तो रीडिंग स्टोर मिली है. एमडी ने इन उपभोक्ताओं के यहां रीडिंग लेने वाले रीडरों पर नामजद रिपोर्ट कराने के निर्देश दिए हैं.
एक साल में चार से पांच बार मीटर खराबएक साल में पांच बार मीटर खराब होना, मीटर जलना, डिस्पले खराब होने को संदिग्ध माना जा रहा है. रीडिंग स्टोर के छिटपुट मामले पकड़े जा रहे थे क्योंकि ऑफलाइन काम हो रहे थे. इंडेंट भेज मीटर बदल दिया जाता था. एक अभियंता फॉल्ट बनवाने से राजस्व वसूली समेत सभी काम करता था. अब हेल्पडेस्क या हेल्पलाइन नंबर से काम होने से हर शिकायत रिकॉर्ड हो रही है.
जीपीएस लोकेशन ने खोल दी रीडिंग की पोल आईटी सेल की जांच में यह खुलासा हुआ है कि अधिकतर जगह मीटर रीडर घर बैठे या किसी एक जगह से ही बिल बनाकर भेज रहे हैं. मीटर रीडिंग मशीन और मोबाइल की जीपीएस लोकेशन से खुलासा हुआ है. मीटर रीडर बिना जाए रीडिंग भेजकर बिल बनवा रहा है. दूसरा रीडर-उपभोक्ता साठगांठ से रीडिंग स्टोर कर एक ही जगह से मनमर्जी कम यूनिट भरकर बिल बनाए जा रहे हैं.