नोएडा न्यूज़: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) हाईस्कूल परीक्षा में छात्रों का अंक प्रतिशत बढ़ाने में बहुविकल्पीय प्रश्नों की भूमिका अहम रही. पहली बार बोर्ड परीक्षा में 20 अंक के बहुविकल्पीय प्रश्नों ने गणित और विज्ञान जैसे कठिन विषयों में अंक बटोरने में मदद की. वहीं, ओएमआर (ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन) शीट की भी अहम भूमिका रही.
दसवीं पास करने वाले विद्यार्थियों ने बताया कि परीक्षा में ओएमआर की सुविधा से उनको लाभ मिला और उनका अंक प्रतिशत सुधर गया. इससे उनकी ओवर ऑल प्रतिशत दर में भी वृद्धि हुई है. छात्रों ने कहा कि अभी तक प्रैक्टिकल के अंक ही प्रतिशत बढ़ाने में मदद करते थे, लेकिन इस बार 70 अंक की लिखित परीक्षा में 20 अंकों के सिर्फ बहुविकल्पीय प्रश्न ही पूछे गए थे जिन्हें हल करना काफी सरल था और समय भी ज्यादा बर्बाद नहीं हुआ. शीट पर टिक मार्क से इन प्रश्नों का उत्तर दिया गया था. शीट पर प्रश्नों के उत्तर कैसे भरने थे, इसका प्रशिक्षण स्कूली स्तर पर उन्हें प्रीबोर्ड में भी कराया गया था.
छात्रा अनुष्का ने बताया कि सबसे ज्यादा गणित और विज्ञान में अंक कम आने का डर रहता है. पहले गणित और विज्ञान में प्रश्नों को हल कर उत्तर लिखना पड़ता था, लेकिन ओएमआर पर सीधे उत्तर के सामने गोला भरकर जवाब दिया गया. फार्मूले इत्यादि के झमेले में न आकर सीधे और सरल तरीके से उत्तर देने से विज्ञान और गणित में खूब अंक बटोरे हैं. इनके विज्ञान में 88 अंक हैं.
नई सुविधा से प्रतिशत में उछाल आया
ओएमआर शीट में प्रश्नों के उत्तर देने से निश्चित तौर पर विद्यार्थियों को अंक हासिल करने में मदद मिली है. छात्रों ने बहु विकल्पीय प्रश्नों के उत्तर देकर अंक बटोरे हैं. - डॉ. धर्मवीर सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक
पर्थला खंजरपुर निवासी छात्रा ज्योति ने बताया कि अभी तक सिर्फ प्रैक्टिकल को ही प्रतिशत दर बढ़ाने में मददगार समझा जाता था, लेकिन नई सुविधा से उनके अंकों में दोगुना उछाल आया है. ज्योति भविष्य एनजीओ की मदद से अपनी पढ़ाई कर रही है.