मुख्तार अंसारी केस: जज ने सुनवाई से खुद को किया अलग, जानें पूरा मामला

Update: 2022-05-06 12:13 GMT

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के चर्चित बाहुबली मुख्तार अंसारी से जुड़े एक केस में इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया. जस्टिस राजीव गुप्ता ने खुद को सुनवाई से अलग करते हुई इस मामले को चीफ जस्टिस को रेफर कर दिया है.

चीफ जस्टिस से इस केस की सुनवाई के लिए कोई नई बेंच गठित किए जाने की सिफारिश की है. यह मामला मुख्तार अंसारी की सिफारिश पर चार लोगों को शस्त्र लाइसेंस दिए जाने को लेकर है. करीब 20 साल पहले विधायक रहते हुए मुख्तार अंसारी ने अपने लेटर पैड पर चार लोगों को हथियार का लाइसेंस देने की सिफारिश की थी.
हथियार का लाइसेंस देने के लिए जो पत्र कथित तौर पर मुफ्तार अंसारी की तरफ से लिखा गया था उसमें इसराइल, अनवर, सलीम और शाह आलम को शस्त्र लाइसेंस दिए जाने की सिफारिश की गई थी. कई वर्षों बाद हुई जांच में सभी के पते फर्जी पाए गए थे.
इस मामले में लाइसेंस पाने वाले चारों लोगों के साथ ही मुख्तार अंसारी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया था. 5 जनवरी 2020 को सभी आरोपियों के खिलाफ मऊ के दक्षिण टोला थाने में केस भी दर्ज हुआ था.
बता दें कि दो दिनों पहले ही मऊ में राजस्व विभाग की टीम जमीन की पैमाइश करने गई थी जहां बाहुबली मुख्तार अंसारी के वकील दरोगा सिंह ने मौके पर मौजूद राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ दबंगई की और साथ ही जजों को गाली दी.
इस घटना का किसी शख्स ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. ऐसे में जनपद के बड़े अधिकारियों ने इसे संज्ञान में लिया और मौके पर मौजूद अफसर ने मुख्तार के वकील के खिलाफ थाने में तहरीर दी. अब दरोगा सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
दरअसल, आजमगढ़ मंडल के प्रभारी मंत्री संजय निषाद ने 30 अप्रैल को आजमगढ़ के बाद मऊ जिले का दौरा किया था. मऊ में अधिकारियों से विकास कार्यो की चर्चा के बाद वे मऊ के ताजोपुर पहुंचे थे. ग्रामीणों ने गांव में रास्ते और बिजली की समस्या की शिकायत की थी. राजस्व विभाग की टीम गांव में रास्ते और अन्य विकास कार्यों के लिए सरकारी जमीन की पैमाइश करने पहुंची जहां यह विवाद हुआ था.


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