Moradabad: ठगी के शिकार बने अधिकारी, पुलिस के लिए चुनौती

Update: 2024-08-03 08:15 GMT
Moradabad मुरादाबाद । साइबर अपराधी बड़े-बड़े अधिकारियों को चूना लगा रहे हैं। ये ठग पुलिस की क्षमताओं से इतने आगे निकल चुके हैं कि ठगी के बाद आरोपियों को पकड़ पाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन जैसा हो गया है। अब तो अफसरों को साइबर ठगी का शिकार बनाकर पुलिस को सीधी-सीधी चुनौती दे रहे हैं। कार्रवाई के मामले में पुलिस का भी कोई खास जोर नहीं चल पा रहा है।
एक दिन पहले ठाकुरद्वारा के एडीओ पंचायत चंद्रपाल सिंह से साइबर अपराधियों ने शेयर बाजार में दोगुना मुनाफे का झांसा देकर लगभग 48 लाख रुपये ठग लिए। बीते माह में जालसाजों ने कई बड़े पुलिस अधिकारियों को ठगी का शिकार बनाया है।डिलारी ब्लॉक में तैनात एडीओ पंचायत चंद्रपाल सिंह ने साइबर थाने में दी तहरीर में बताया है कि आठ फरवरी को अनजान नंबर से कॉल आई। जिसमें एलआईसी पॉलिसी का फंड शेयर बाजार में निवेश कर दोगुना मुनाफे का झांसा दिया। ठगों ने एडीओ से कई बार में लगभग 48 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद आरोपियों ने मोबाइल बंद कर दिया।
उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की है। फिलहाल साइबर पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। इसी तरह बीते माह में आईजी बरेली रेंज डॉ. राकेश सिंह की फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर ठगों ने उनके परिचितों से पैसे वसूलना शुरू कर दिया था। मामला संज्ञान में आने के बाद आईजी ने परिचितों से धोखाधड़ी होने की अपील की थी, लेकिन आरोपी फिर भी नहीं पकड़ा गया। इसी तरह उत्तराखंड के भी एक रिटायर्ड आईजी को साइबर अपराधियों ने शिकार बनाया था, उनके कई मिलने वालों से पैसे झटक लिए, लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर सकी।
पुलिस अधिकारी भी हो रहे ठगी का शिकार
साइबर ठग लंबे समय से बड़े अधिकारियों के नाम के फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर इस तरह की ठगी कर रहे हैं। इन अधिकारियों में भी पुलिस के अधिकारी ज्यादा हैं और वह भी रिटायर्ड। साइबर एक्सपर्ट्स भी अब तक कोई तरीका नहीं ढूंढ पाए है कि ठगी की इन घटनाओं को कैसे रोका जा सके। ऐसे मामलों में ठगी के शिकार हुए अधिकारी न कुछ कर पा रहे है, न कुछ कह पा रहे है। साइबर अपराधी पुलिस की क्षमताओं से इतने हाईटेक हो गए हैं कि पकड़ पाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन जैसा हो गया है। अधिकारियों को ठगी का शिकार बनाने के बाद आरोपी सीधी तौर पर पुलिस महकमे को चुनौती दे रहे हैं।
ऐसे करते हैं ठगी
जालसाल सबसे पहले फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर उस पर चर्चित व्यक्ति की फोटो लगाकर परिचितों से पैसे मांगने लगते हैं। या फिर शेयर बाजार में निवेश के नाम पर दोगुना मुनाफे का झांसा देकर ठगी का शिकार बना लेते हैं। निवेश कराने के बाद आरोपी तीन से छह माह में पैसा वापस करने का वादा करते हैं। जिससे समय बीतने के बाद आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर रहें। बता दें, साइबर ठगी के सबसे ज्यादा शिक्षित लोग शिकार हो रहे हैं। इनसे बचने के लिए सतर्क रहना ही सबसे बेहतर उपाय है।
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