छिबरामऊ/कन्नौज। ग्राम सबलपुर में रविवार तड़के दो पुरानी रंजिश को लेकर एक बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई जबकि तीन लोग घायल हो गए। घायलों को जिला अस्पताल लाया गया जहां से दो लोगों को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। घटनाक्रम के अनुसार गांव निवासी भूरे कठेरिया और सुरेश चंद्र कठेरिया (48) के परिवारों के बीच पुरानी रंजिश है। रविवार की सुबह लगभग 4 बजे भूरे का 12 वर्षीय पुत्र करन शौच के लिए खेतों की तरफ गया था। खेत के पास रहे सुरेश चंद्र कठेरिया ने ऐसा करने से मना किया तो दोनों में कहासुनी हो गई।
मामला इतना बढ़ गया कि लालू, दिनेश, भूरे, पूसे पुत्रगण प्रेमचंद्र और रंजीत पुत्र करु, नेकसे पुत्र श्यामले ने धारदार हथियार व लाठी-डंडों से सुरेश के परिवार पर हमला कर दिया। इसमें सुरेश चंद्र, उसकी पत्नी बिट्टन देवी, पुत्र कमलेश और रामू गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की जानकारी पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को सौ शैया अस्पताल में भर्ती कराया।
सभी की हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया जहां इलाज के दौरान सुरेश चंद्र की मौत हो गई। दो लोगों को यहां से तिर्वा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। पुत्र राहुल की तहरीर पर मामले में छह के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की है।
10 वर्ष पहले हुई थी रंजिश की शुरुआत
ग्राम वासियों ने बताया कि दोनों पारिवारिक भाई हैं। 10 वर्ष पूर्व महेश की पत्नी को सुरेश के परिवार का एक युवक भगा ले गया था। उसी रंजिश में आए दिन दोनों पक्षों में विवाद होता रहता था। लगभग ढाई माह पूर्व सुरेश की बकरियां मुकेश के घर में घुस गईं थीं। तब भी दोनों पक्षों में बुरी तरह मारपीट हुई थी, जिसमें पुलिस ने दोनों पक्षों पर कार्रवाई कर मामले को शांत करा दिया था। इसके बाद भी रंजिश पनपती रही।
दो दिन पूर्व ही गांव आया था सुरेश
ढाई माह पूर्व हुए विवाद के बाद पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर जमानत कराने के बाद सुरेश अपने रिश्तेदारी में रहने लगा थी। गुरुवार को गांव लौटा और दूसरे के खेतों में मजदूरी करके जीवन यापन शुरू कर दिया था। लौटने पर पुलिस को भी इस बारे में जानकारी दे दी थी। यह बात जिला अस्पताल में मौजूद पारिवारिक भाई ने दी। कहा कि पुलिस सतर्क होती तो भाई की जान न जाती। सुरेश की हत्या के बाद छानबीन में लगी पुलिस को आरोपी पक्ष के घर से लाठी डंडे, कुल्हाड़ी, चाकू, बगुदा व लाठियों में बंधे धारदार हथियार मिले जो कब्जे में लिए।
मक्का के खेत में छुपकर पुत्रों ने बचाई अपनी जान
ग्रामीणों ने बताया कि मुकेश के परिवार के सिर पर खून सवार था। बिना कुछ सोचे समझे ही धारदार हथियारों से जानलेवा हमला कर रहे थे। मौका पाते ही अपनी जान बचाकर सुरेश के पुत्र कमलेश व रामू भाग गए। वे मक्का के खेत में छुप गए जिससे जान बच गई। इस सम्बंध में पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम सिंह ने बताया कि दोनों पक्ष पड़ोसी हैं। इनकी छतें आपस में मिलीं हुई हैं। रंजिशन वारदात को अंजाम दिया गया है। मामले की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। आरोपियों की तलाश की जा रही है। कुछ लोगों को उठाया गया है। जल्द ही पूरे मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।