Noida: जिला अस्पताल समेत छह स्वास्थ्य केंद्रों में बच्चों के आधार कार्ड बनने शुरू हुए

सरकारी अस्पतालों में बच्चों के आधार कार्ड बनने शुरू

Update: 2024-12-14 08:43 GMT

नोएडा: सरकारी अस्पतालों में बच्चों के आधार कार्ड बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. वर्तमान में जिला अस्पताल समेत छह स्वास्थ्य केंद्रों में यह सुविधा मिल रही है. लिहाजा जन्म के बाद बच्चे का आधार कार्ड अस्पताल में ही बनाया जाएगा.

जिले में छह महीने पहले ही यह सेवा शुरू होनी थी, लेकिन ऐप में तकनीकी खामी के कारण यह काम नहीं हो पा रहा था. अब इसे शुरू कर दिया गया है. अस्पताल में जन्म के बाद बच्चे के माता-पिता के आधार कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट समेत अन्य सरकारी पहचानपत्र को देखकर आधार कार्ड बनाया जाएगा. अस्पतालों में पांच साल से कम उम्र के दूसरे बच्चों का भी आधार कार्ड बनेगा. निर्धारित से कम उम्र के बच्चे स्वास्थ्य विभाग द्वारा नामित किसी भी अस्पताल में पहचानपत्र बनवा सकेंगे. अगर मां और पिता में से किसी एक के पास आधार कार्ड नहीं है तो उनका पहचानपत्र भी इन केंद्रों पर बन जाएगा. इसके लिए किसी एक के पास स्थानीय पता से संबंधित प्रमाणपत्र होना चाहिए. इसके लिए सरकारी शुल्क देना होगा. जिले में एक साल में लगभग 50 हजार बच्चों का जन्म होता है. अपर शोध अधिकारी केके भास्कर ने बताया कि पांच साल से कम उम्र के अन्य बच्चों का आधार कार्ड भी इन केंद्रों में बन जाएगा, इसके लिए जन्म प्रमाणपत्र जरूरी है. इस व्यवस्था से सभी बच्चों का जन्म प्रमाणपत्र भी बन जाएगा, जिससे भविष्य में होने वाली परेशानी से बच पाएंगे.

पांच साल के बाद नवीनीकरण होगा पांच साल के बाद सभी बच्चों के आधार कार्ड का नवीनीकरण किया जाएगा. परिजनों की ओर से किसी भी आधार केंद्र पर इसे करवाया जा सकेगा.

निजी अस्पतालों में भी यह सुविधा मिलेगी: कई निजी अस्पताल भी जनवरी तक इस सेवा से जुड़ेंगे. सेक्टर-39 स्थित जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार के कार्यालय में अब तक 20 से अधिक निजी अस्पतालों ने इस सेवा को शुरू करने के लिए आवेदन किया है. इनके कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर आधार कार्ड बनाने का काम इन अस्पतालों में भी होगा. ज्यादा से ज्यादा निजी अस्पतालों में भी यह सेवा शुरू करने की तैयारी है. इसके लिए जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार कार्यालय से इन अस्पतालों को लॉगइन आर्डडी दी जाएगी.

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