जातीय जनगणना की मांग को लेकर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने किया हंगामा
लखनऊ: विधान सभा में गुरुवार जातीय जनगणना की मांग को लेकर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने खासा हंगामा किया। इस मुद्दे पर सपा के सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए और धरना देकर बैठ गए। सदन में शोर शराबे और हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही पन्द्रह-पन्द्रह मिनट के लिए दो बार स्थगित हुयी। जातीय जनगणना के मुद्दे पर सपा के हंगामे रालोद के सदस्य भी शामिल थे।
सपा सदस्यों के शोर शराबे और हंगामे के चलते पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि वे दूसरे सदस्यों के अधिकारों पर अतिक्रमण नहीं होने देगे। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष के सदस्य के हंगामे के बावजूद वे एजेडे के अनुसार सदन की पूरी कार्यवाही सम्पन्न करायेगें। उन्होंने कहा कि विपक्ष के शोर शराबे और हंगामे की कार्यवाही से लगता है कि वह अपने अधिकारों से भाग रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के इस आचरण से लगता है कि वह सरकार से जवाब नहीं लेना चाहता है। सपा-रालोद सदस्यों का यह हंगामा सपा के सदस्य संग्राम सिंह के सवाल पर था।
विपक्ष के शोर शराबे और हंगामे पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि जनगणना का विषय संविधान के अनुच्छेद-246 के तहत केंद्र सरकार के अधिकार में है। केंद्र सरकार ही जनगणना पर निर्णय ले सकती है। उन्होंने कहा कि यूपी बहुत आगे बढ़ रहा है। बिहार जहां परिवारवाद है, चारा खाने वाले हैं उसके जैसे संकीर्णता की ओर हम उत्तर प्रदेश को नहीं ले जाना चाहते।
गुरुवार को ही सदन में छुट्टा जानवरों के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी ने सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर बहिर्गमन कर किया। सपा के सचेतक मनोज पाण्डेय ने शून्य प्रहर में छुट्टा जानवरों का मुद्दा उठाया। मनोज पाण्डेय ने छुट्टा जानवरों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि प्रदेश में 60 फीसदी किसान हैं और वे छुट्टा जानवरों से परेशान हैं। चाहे गर्मी हो या कड़ाके की ठंड किसानों की रात फसल की निगरानी करने में गुजर रही है।
कुछ किसानों ने तो किसानी ही छोड़ दी है। वे पलायन कर पंजाब जाकर मजदूरी करने पर मजबूर हैं। अपने उत्पादन को बचाने के लिए उन्हें युद्ध लड़ना पड़ रहा है। उन्होंने आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए कहा कि कहा कि 378 युवाओं की सांड के कारण मोटर साइकिल से दुर्घटना हुई है। इसमें से 109 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। इसी मुद्दे पर सपा के अवधेश प्रसाद ने भी दर्जनों मृतकों की सूची पढ़कर सुनाई।
सपा सदस्यों के इन आरोपों के जवाब में मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि सरकार छुट्टा जानवरों के लिए वाजिब इंतजाम कर रही है। इसी बजट में 750 करोड़ रुपये बजट में रखे गए हैं। अगर लोग जानवरों को दूध निकाल कर छुट्टा न छोड़ें तो समस्या का हल आसानी से हो सकता है। पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि सरकार को इस पर पूरा ध्यान है।
गोवंश को बचाने और उनके संवर्धन पर सरकार 1577 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। सरकार ने विभिन्न योजना से 10 लाख 76 हजार संरक्षित किया गया है। सरकार ने 750 करोड़ रुपये बजट में दिए हैं और सरकार पूरा ध्यान रख रही है। इस सवाल से असंतुष्ट सपा के सचेतक मनोज पाण्डेय ने सदन के बहिर्गमन की घोषणा कर दी और सपा सदस्यों के साथ सदन से बाहर चले गए।