Kanpur: स्वच्छता रैंकिंग सुधारने के लिए वार्डों में ही कूड़े की प्रोसेसिंग की जाएगी

"सुधर रही स्वच्छता रैंकिंग"

Update: 2025-01-17 06:43 GMT

कानपूर: राज्य सरकार छोटे शहरों की स्वच्छता रैंकिंग में सुधार लाने के लिए अब तीन लाख से कम आबादी वाले शहरों में भी वार्डों में ही कूड़ों की प्रोसेसिंग की जाएगी. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दो शहरों इटावा व शाहजहांपुर को लिया जा रहा है. इसे आगे बढ़ाकर अन्य शहरों में किया जाएगा.

स्वच्छ भारत मिशन की बैठक में इस संबंध में फैसला किया गया है. प्रदेश के बड़े शहरों में यानी नगर निगम और अधिक आबादी वाले नगर पालिका परिषदों में वार्डों में ही कूड़े की प्रोसेसिंग की जा रही है. इसमें सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग किया जा रहा है, जिससे उसे ले जाने में किसी तरह की असुविधा न हो और लोगों को गंदगी से निजात मिल सके.

प्रदेश के बड़े शहरों में यह योजना सफल रही है और इससे स्वच्छता रैंकिंग में भी सुधार हो रहा है. इसीलिए उच्च स्तर पर हुई बैठक में तय किया गया है कि अब इसे तीन लाख से कम आबादी वाले शहरों में भी शुरू किया जाए. वार्डों में ही कूड़े की प्रोसेसिंग होने से इधर-उधर फैलने वाली गंदगी पर रोक लगेगी और इसके निस्तारण भी आसान हो जाएगा. शहरों में गंदगी न होने पर शहर साफ नजर आएगा और इससे शहरों को स्वच्छता पुरस्कार भी मिलेगा.इसके लिए इंवायरमेंट कमेटी ने पहले चरण में दो करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं. प्रदेश के प्रत्येक निकाय में विकेंद्रीयकरण अवधारणा के माध्यम से मोहल्ला समिति लगभग 250 घरों तक गठित करते हुए गीला कूड़े की प्रोसेसिंग किया जाए. इसमें सूख व गीला कूड़ा वार्ड स्तर पर ही अलग-अलग कर दिया जाए. इसकी देखरेख की जिम्मेदार अधिशासी अधिकारियों की होगी. वह यह सुनिश्चित करेंगे कि वार्डों में ही इसकी व्यवस्था शुरू कर दी जाए.कूड़े की छंटाई के बाद इसे डंपिंग ग्राउंड पर ले जाया जाएगा और वहां पर इसका निस्तारण किया जाए. कूड़े से जैविक खाद बनाने की दिशा पर भी विचार किया जाएगा, इसमें यह देखा जाएगा कि खाद बनाने में इसका कितना इस्तेमाल किया जा सकता है.

अनिवार्य होगी व्यवस्था सभी घरों से उठेगा कूड़ा: घर-घर कूड़ा उठाने की व्यवस्था छोटे शहरों में भी अनिवार्य रूप से लागू किए जाने की तैयारी है. स्वच्छ भारत मिशन में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था सुनिश्चित करने की व्यवस्था है. सरकार का मानना है कि इससे रोजाना कूड़ा उठाने से सड़कों पर गंदगी नहीं फैलेगी और स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान निकायों को अच्छे अंक मिलेंगे.

● गाज़ियाबाद ने 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में प्रदेश में पहला स्थान मिला

● वाराणसी और प्रयागराज को गंगा किनारे बसे शहरों में शामिल किया गया

● यूपी के 65 शहरों को कचरामुक्त होने का प्रमाण पत्र मिल चुका है

● तीन शहरों बरवर, अनूपशहर, और गजरौला को क्लीन सिटी नॉर्थ जोन का दर्जा मिला है

● स्वच्छ भारत मिशन की बैठक में इस संबंध में फैसला किया गया है

Tags:    

Similar News

-->