एमडीए वीसी अभिषेक पांडे ने किया ग्रीन वर्ज का दौरा, अधिकारियों से पूछा कैसे हो रहे अवैध निर्माण
मेरठ: ग्रीन वर्ज में अवैध निर्माण रोकना मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) उपाध्यक्ष अभिषेक पांडे के लिए बड़ी चुनौती से कम नहीं हैं। परतापुर से लेकर मोदीपुरम तक ग्रीन वर्ज है। इस ग्रीन वर्ज में अवैध निर्मार्णों की बाढ़ आई हुई है। तमाम होटल और ढाबे व अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान बनकर तैयार हो गए हैं। इन अवैध निर्माणों पर मेरठ विकास प्राधिकरण की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। यदि कार्रवाई की गई होती तो शायद यह बनकर तैयार नहीं होते।
व्यापारिक प्रतिष्ठान की नींव भरने के बाद ही लिंटर तक निर्माण पहुंच जाता है, लेकिन इस निर्माण को प्रभावी ढंग से रोका ही नहीं जाता। यदि रोका गया होता तो शायद ग्रीन वर्ज में यह निर्माण नहीं हो पाते। मेरठ एनसीआर का हिस्सा हैं, जिसमें एनजीटी के तमाम आदेश ग्रीन वर्ज में निर्माण रोकने के आते रहते हैं, लेकिन बावजूद इसके ग्रीन वर्ज में बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई। इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियर ही हैं, लेकिन उनके खिलाफ भी कोई कार्रवाई प्राधिकरण या फिर शासन की तरफ से नहीं की जा रही है। अवैध निर्माण कराने वाले इंजीनियर या तो तबादला करा कर चले जाते हैं, लेकिन अवैध निर्माण पर कार्रवाई नहीं हो पाती हैं। एक-दो अवैध निर्माण नहीं, बल्कि परतापुर से लेकर मोदीपुरम तक एनएच-58 के दोनों तरफ बड़ी तादाद में अवैध निर्माण है।
ही नहीं, कई प्राधिकरण इंजीनियरों की तरफ से थाने में भी तहरीर दे रखी है, लेकिन पुलिस भी इन अवैध निर्माण को नहीं रुकवा पाई और अवैध निर्माण पर लिंटर डालकर बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई। बिग बाइट के सामने एक ग्रीन वर्ज में रेस्टोंरेंट बनकर तैयार हो गया। इस निर्माण को एमडीए के इंजीनियर होते हुए देखते रहे। ध्वस्तीकरण के इसके आदेश नहीं हुए हैं।
10 कदम आगे बढ़ते है तो फिर एक ढाबा बनकर तैयार हो गया। जैन शिकंजी के नाम से रेस्टोरेंंट बना गया। ये बिल्डिंग भी ग्रीन वर्ज में हैं। पास में ही एक अवैध कॉलोनी हाइवे से जिसका रास्ता निकलता हैं, वो भी बेच दी गई। बिल्डर कॉलोनी को विकसित कर प्लाट बेचकर चला गया, लेकिन इसमें कोई कार्रवाई एमडीए की तरफ से नहीं की गई। ये भी ग्रीन वर्ज में कॉलोनी काट दी गई। बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराई गयी?
इसके लिए आखिर जिम्मेदार कौन हैं? क्या एमडीए के वीसी जिम्मेदार इंजीनियरों पर कार्रवाई करेंगे? शोभापुर पुलिस चौकी के ठीक पीछे कई होटल बनकर तैयार हो गए हैं। ये भी ग्रीन वर्ज में हैं, मगर इन पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। थाने में अवैध निर्माणकर्ता के खिलाफ तहरीर नहीं दी गई।
अनिल धारीवाल अवैध कॉलोनी ग्रीन वर्ज में शोभपुर पुलिस चौकी के पिछले रास्ते पर काट रहे हैं, उसे भी नहीं रोका जा रहा हैं। दीपक का नया रेस्टोंरेंट ग्रीन वर्ज में निर्माणाधीन चल रहा हैं, जिसको एमडीए के इंजीनियर नहीं रोक पा रहे हैं। हलवाई का होटल बनकर तैयार हो गया हैं, इसमें भी ध्वस्तीकरण की कोई कार्रवाई नहीं की गई हैं।
वीसी ने किया ग्रीन वर्ज का दौरा: मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडे ने भी परतापुर से लेकर मोदीपुरम तक ग्रीन वर्ज में जो अवैध निर्माण है, उनका निरीक्षण किया। उनके साथ अधिकारियों की टीम भी मौजूद रही। उन्होंने चल रहे नए निर्माणों के बारे में भी पूछा कि कितने वर्ग मीटर तक ग्रीन वर्ज हैं? ग्रीन वर्ज में ये निर्माण कैसे हो रहे हैं? इनको रोकने के लिए क्या कदम उठाये गए? चोटी वाला रेस्टोरेंट ग्रीन वर्ज में बन गया।
इसी से सटकर एक नया रेस्टोरेंट का निर्माण चल रहा हैंं। इसमें थाने में भी तहरीर दी गई, लेकिन निर्माण को एमडीए के इंजीनियर नहीं रोक पा रहे हैं। अवैध निर्माण करीब-करीब पूरा हो गया हैं। अब कभी भी इसका उद्घाटन किया जाएगा। इस पूरे निर्माण को भी एमडीए वीसी ने देखा तथा इंजीनियरों को कार्रवाई के निर्देश दिये। तमाम ग्रीन वर्ज में बने निर्मार्णों के बारे में अधिकारियों से पूछा। आखिर इनको रोकने का तरीका क्या है?
जब थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दे दी गई है तो फिर पुलिस कार्य क्यों नहीं कर रही है? इसके लिए पुलिस को रिमाइंडर भेजे। ं अब देखना यह है कि प्राधिकरण उपाध्यक्ष जिस तरीके से ग्रीन वर्ज में बने अवैध निर्माण को लेकर सख्त कार्रवाई करने कर रहे है। उससे लग रहा है कि ग्रीन वर्ज में बन रहे अवैध निर्मार्णों पर बड़ी कार्रवाई होने जा रही है। उसके लिए कभी भी मेरठ विकास प्राधिकरण का बुलडोजर चलाया जा सकता है।