Mathura: ब्रज के प्राचीन कुंडों का जल भक्तों के लिए आचमन योग्य होगा
"इस्कॉन और टाटा आचमन योग्य बनाएंगे ब्रज के 15 कुंडों का जल"
मथुरा: भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के साक्षी रहे ब्रज के प्राचीन कुंडों का जल भक्तों के लिए आचमन योग्य होगा. उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद की पहल पर ब्रज के प्राचीन कुंडों के जल की गुणवता को सुधारने के लिए इस्कॉन और टाटा ग्रुप काम करेंगे.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र के स्पेस डाटा के अनुसार मथुरा जनपद में 2052 जल निकाय मौजूद है. इनमें से 288 कुंडों के रूप में सामने आए हैं. इस स्पेस डाटा पर किए गए फील्ड सर्वें में 213 कुंड मौके पर मौजूद मिले हैं. अधिकांश कुंड रखरखाव के अभाव में जीर्णशीर्ण अवस्था में हैं. इन कुंडों के जल की गुणवत्ता भी ठीक नहीं है.
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने ब्रज के इन प्राचीन कुंडों का सौंदर्यीकरण करने के साथ ही उनके जल की गुणवत्ता को सुधारने के लिए निजी संस्थाओं की मदद ली है. इन प्रयासों में इस्कॉन के साथ टाटा ग्रुप की मदद करेगा. इस्कॉन की संस्था श्री चैतन्य हेल्थ एंड केयर ट्रस्ट द्वारा सात कुंड और टाटा ग्रुप द्वारा आठ कुंडों का जल शोधन किया जाएगा. इसके लिए डीपीआर तैयार कर ली गई है.
टाटा ग्रुप द्वारा गोद लिए कुंड
टाटा ग्रुप ने आठ कुंडों को गोद लिया है. इनमें राधाकुंड, कृष्ण कुंड, अष्ठसखी कुंड, शांतनु कुंड, कृष्ण कुंड, गरुण गोविंद कुंड, नरी सेमरी कुंड और मानसी गंगा शामिल हैं.
इसकॉन ने गोद लिए गए सात कुंड
इस्कॉन ने सात कुंडों को गोद लिया है. इनमें प्रिया कुंड, वृषभानु कुंड, विव्हक कुंड, जल विहार कुंड, कृष्ण कुंड, कृष्ण कुंड और पावन सरोवर शामिल हैं.
इन पर एमवीडीए कर रहा काम
ललिता कुंड, वृंदा कुंड, नारद कुंड, सोभरि कुंड, आट्स से सुनरख तक ड्रेन .