मेरठ न्यूज़: पिछले तीन माह से एक मानचित्र की फाइल प्राधिकरण में घूम रही है। टाउन प्लानर से लेकर तमाम स्थानों पर ये फाइल अटका दी गई हैं। यह फाइल तीन माह तक जानबूझकर अटकाई गई। नियम ये कहता है कि इस फाइल को एक सप्ताह के अंदर कागजी कार्रवाई पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन नहीं की गई। यहां मेरठ विकास प्राधिकरण के मानचित्र अनुभाग में ही फाइल को लंबे समय तक लटकाए रखा गया।
जब बार-बार व्यक्ति को परेशान किया गया तो उसके बाद तीन दिन पहले मानचित्र अनुभाग की शिकायत लेकर वरुण कुमार प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडे के सामने पेश हो गए और शिकायती पत्र दिया। जिस पर प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने तत्काल प्रभाव से संज्ञान लिया और संबंधित फाइल को तत्काल करने के आदेश दिए। यह मामला है लोहिया नगर का, जिसमें वरुण का 82 नंबर का प्लॉट है तथा 89 नंबर का प्लॉट इनके भाई का है। इनका मानचित्र संशोधित करके स्वीकृत कराने का आवेदन प्राधिकरण आॅफिस में दिया गया था,
जिसको तीन माह बीत गए, लेकिन प्राधिकरण की फाइलों में ही इनका आवेदन घूमता रहा। मानचित्र अनुभाग में गुहार लगाते हुए वरुण और उसके परिजन थक गए। अब तमाम सीमाएं पार होने के बाद वरुण तीन दिन पहले मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडे के सामने पेश हुए तथा एक प्रार्थना पत्र उन्हें देकर अपना मानचित्र स्वीकृत कराने की मांग की। प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने तत्काल इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए संबंधित फाइल को तलब कर लिया।
शनिवार को यह फाइल तमाम सीटों से होती हुई प्राधिकरण उपाध्यक्ष तक पहुंच गई, जिसमें तीन माह तक फाइल को लेकर परेशान किया गया, जिसके बाद प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने संज्ञान लिया तो तत्काल फाइल की तमाम त्रुटियों को दूर करते हुए प्राधिकरण उपाध्यक्ष की आॅफिस में पहुंचा दिया गया। इस तरह से पहले भी काम हो सकता था, लेकिन नहीं किया गया। फाइल को क्यों लटका कर रखा गया था? आखिर फाइल को लटकाने वाले जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई हो पाएगी?