फोरेंसिक जांच में कई सवाल अभी भी अनसुलझे
टीम को मौके पर आग लगने या आग फैलने के सबूत नहीं मिले
लखनऊ: एयरफोर्स में सार्जेंट प्रमोद कुकशाल के बड़े बेटे आरुष की मौत की जांच करने पहुंची फोरेंसिक टीम के सामने अभी भी कई अनसुलझे सवाल हैं. पुलिस अधिकारियों ने भी मौके पर पहुंचकर जांच की, जिसमें घटना संदिग्ध लग रही है. फोरेंसिक टीम ने जब जांच की तो उसे मौके से सबूत नहीं मिले. वहीं, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वह बच्चे के अंतिम संस्कार के बाद मामले में जांच कर पूछताछ करेंगे, जो तथ्य सामने आएगा उसी के आधार पर कार्रवाई होगी. कई सवाल अबूझ पहेली बने हुए हैं.
जानें क्या है डाउन सिंड्रोम डाउन सिंड्रोम में बच्चों की मांसपेशियां और जोड़ ढीले होते हैं. वह हृदय, आंत, कान और सांस संबंधी समस्याओं के साथ पैदा होते हैं. सामान्य बच्चों की तुलना में बौद्धिक क्षमता कम होती है.
कैसे बच सकतेगर्भावस्था के दौरान स्क्रीनिंग टेस्ट कर पता लगाया जा सकता है कि बच्चे को डाउन सिंड्रोम का खतरा है या नहीं. कुछ मामलों में, बच्चा स्वस्थ हो जाता है, जबकि मां का टेस्ट पॉजिटिव होता है. इलाज स्पीच, फिजिकल और ऑक्यूपेशनल थैरेपी के जरिए किया जा सकता है.
इन सवालों के जवाब खोज रही पुलिस
1.आरुष एक कमरे में अकेले सोया था और बाकी पूरा परिवार दूसरे कमरे में सोया था क्यों?
2.आरुष डाउन सिंड्रोम का शिकार था. बोल और चल नहीं पाता था, उसके बाद भी अकेले कमरे में उसे क्यों छोड़ा गया?
3. फोरेंसिक टीम प्रभारी डॉ. पीके श्रीवास्तव के मुताबिक, कमरे में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जिससे शार्ट-सर्किट या ज्वलनशील पदार्थ से आग लगी हो. न ऐसा कोई सबूत मिला है, जिससे आग कहीं और लगी हो फैलकर यहां तक आई हो. ऐसे में आग कैसे लगी यह बड़ा सवाल है.
4. दोनों कमरों में सिर्फ एक पतली दीवार की दूरी थी और घर भी छोटा है. आरुष को बोलने में दिक्कत थी, मगर जलने के दौरान वह चिल्लाया भी नहीं ऐसा कैसे हुआ.
5. जिस बिस्तर पर आरुष लेटा था, उससे थोड़ी दूर लकड़ी के गेट वाली अलमारी थी. उसके गेट में आग नहीं लगी. सिर्फ बिस्तर पर ही आग लगी ऐसा कैसे हुआ.
6. अगर आग भीषण थी तो फिर धुआं बगल में सो रहे सार्जेंट और कमरे में कैसे नहीं गया?