Gaziabad के 58 अस्पतालों में आग से बचाव के पुख्ता इंतजाम नहीं
मात्र दस फीसदी ही अस्पतालों में नवजात शिशु वार्ड बनाए गए
गाजियाबाद: महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नीकू वार्ड में आग की घटना के बाद गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर है. विभाग की ओर से पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं. महिला अस्पताल में बने नवजात शिशु केंद्र में आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम हैं. वहीं,जिले के 58 अस्पतालों के पास फायर एनओसी नहीं है. हालांकि, इनमें से मात्र दस फीसदी ही अस्पतालों में नवजात शिशु वार्ड बनाए गए हैं.
मुख्य अग्निशमन अधिकारी राहुल पाल सिंह ने बताया कि जिले में 324 अस्पताल, क्लीनिक और नर्सिंग होम हैं. इनमें से 265 के पास एनओसी है, जबकि 58 को नोटिस जारी किया गया है. एक अस्पताल के खिलाफ कोर्ट में परिवाद भी डाला है. मई-2024 में दिल्ली की नर्सरी में आग लगने से सात बच्चों की मौत के बाद अग्निशमन विभाग ने सख्ती दिखाई थी. उस समय 116 अस्पतालों के पास एनओसी नहीं थी. जांच और सख्ती के बाद पांच माह में 58 ने जरूरी इंतजाम पूरे कर एनओसी ले ली है, जबकि इतने ही अस्पताल अभी भी बिना अग्निशमन इंतजामों के चल रहे हैं. जिन अस्पतालों में नवजात शिशु केयर यूनिट बनी हैं वहां इनको सख्ती से लागू किया गया है.
महिला अस्पताल के नवजात शिशु वार्ड में सभी सुविधाएं हैं. अग्निशमन यंत्र से लेकर उचित निकासी की भी व्यवस्था की गई है. चिकित्सों की मानें तो यहां के बच्चा वार्ड को इस तरीके से बनाया गया है कि जरूरत पड़ने पर दो तरह से प्रवेश और निकासी की जा सकती है. एमएमजी अस्पताल में बच्चा वार्ड नए बिल्डिंग में बनाया गया है. यहां आग से बचाव के उचित साधन हैं लेकिन बाकी वार्ड में सुविधाएं नहीं हैं. वहीं, 100 बेड के संजय नगर कंबाइंड अस्पताल में भी फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं है. संजय नगर के कंबाइंड अस्पताल के ओटी में फायर फाइटिंग सिस्टम तीन महीने पहले ही लगा है, लेकिन वार्ड समेत पूरा अस्पताल फायर एक्सटिंग्युशर के ही सहारे है. जिले की चार सीएचसी पर सेंट्रलाइज अग्निशमन यंत्र लगाने के लिए 2018 में शासन ने निर्देश दिए थे. छह साल बाद भी सीएचसी पर अग्निशमन यंत्र नहीं लग सके हैं. एसीएमओ डॉ. अमित विक्रम के अनुसार इस संबंध में जानकारी की जा रही है.